गरोठ सीट पर दोनों पार्टियों में बागी उतरे
गरोठ सीट पर भाजपा के वर्तमान विधायक चंदर ङ्क्षसह सिसौदिया ने भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फार्म भरा है। वहीं जिला पंचायत सदस्य अमरलाल मीणा ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में फार्म भरा है। तो कांग्रेस से त्रिलोक पाटीदार, तुफान ङ्क्षसह सिसौदिया, किशन ङ्क्षसह चौहान और दिल्लीप तिल्लानी ने भी नामांकन दाखिल किया है।
गरोठ सीट पर यूं बिगड़ेगें समीकरण
यदि विधायक चंदर ङ्क्षसह सिसौदिया फार्म नहीं उठाते है तो बड़ा नुकसान भाजपा को होगा। सिसौदिया का सबसे बड़ा वोट बैंक स्वयं की समाज है। सौंधिया राजपूत समाज का बड़ा वोट बैंक है। वहीं जिला पंचायत सदस्य अमरलाल मीणा ने भी निर्दलीय फार्म भरा है। इस विधानसभा सीट मीणा समाज के मतदाता भी अधिक है। ऐसे में दोनों ही निर्दलीय चुनाव लड़ते है। तो भाजपा की राह मुश्किल होगी। वहीं कंाग्रेस में पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष तुफान ङ्क्षसह, किशन ङ्क्षसह चौहान भी चुनावी मैदान में रहते है तो कंाग्रेस को सीधा नुकसान होगा। इसके अलावा कांगे्रस नेता दिलीप तिल्लानी और त्रिलोक पाटीदार के चुनावी मैदान में रहने से कंाग्रेस की राह मुश्किल हो जाएगी।
सुवासरा सीट पर भाजपा-कांग्रेस दोनों को नुकसान
सुवासरा विधानसभा सीट पर पोरवाल समाज और राजपूत समाज का बड़ा वोट बैंक है। ऐसे में यहां से भाजपा के बागी रामगोपाल काला को चुनावी मैदान में रहने से सीधा नुकसान भाजपा को होगा। वहीं कंाग्रेस के बागी ओमसिंह भाटी ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है। भाटी चुनावी मैदान में रहते तो कंाग्रेस उम्मीदवार हरदीप सिंह डंग को सीधे तौर पर मतों का नुकसान होगा। वहीं मल्हारगढ़ सीट से कांग्रेस नेता श्यामलाल जोकचंद्र चुनावी मैदान में रहते है तो इसका सीधा नुकसान कांग्रेस को होगा। क्योंकि वे पांच साल से लगातार क्षेत्र में सक्रिय है।