मंदसौर

पहली बार उतरे चुनावी रण में, अब गांवों में ही बीत रही रात

पहली बार उतरे चुनावी रण में, अब गांवों में ही बीत रही रात

मंदसौरNov 17, 2018 / 01:57 pm

harinath dwivedi

पहली बार उतरे चुनावी रण में, अब गांवों में ही बीत रही रात

मंदसौर.
जिले की चारो विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवारों पर जीतने का जुनून इस कदर सिर चढक़र बोल रहा है कि वे परिजनों से भी बात नहीं कर पा रहे है। जिले में दो उम्मीदवार ऐसे है जो कि पहली बार चुनाव मैदान में उतरे है। इन उम्मीदवारों से ‘पत्रिका’ ने बात की थी तो पाया कि जीत की उम्मीद में सुबह ८ बजे से रात को १० बजे तक लगातार प्रचार किया जा रहा है। प्रचार के दौरान मोबाईल पर तो अधिकांश प्रत्याशी समय ही नहीं दे पा रहे है। उम्मीदवारों के सहयोगियों ही मोबाईल कॉल रिसीव कर रहे है। साथ ही सहयोगी आने वाले फोन कॉल की डिटेल नोट कर जनसंपर्क के बाद उम्मीदवार को फोन कॉल, मैसेज व अन्य सूचनाओं से अवगत करा रहे है।

गांवो में ही हो रहा रात्रि विश्राम
परशुराम सिसौदिया (कांग्रेस)
मल्हारगढ़ विधानसभा से कांग्रेस के युवा प्रत्याशी परशुराम सिसौदिया पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। वे मंदसौर जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष भी है। उन्होंने बताया कि लगातार जनसंपर्क के कारण फोन पर किसी से बात नहीं हो पा रही है। दो दिन पहले पत्नी का फोन आया था और भाई विदेश का भी फोन आया था लेकिन सहयोगी ने जनसंपर्क की स्थिति से अवगत करा दिया था। ऐसे में दो दिन हो गए है, परिजनों से फोन से भी संपर्क नहीं कर पाया हूं। सुबह से जनसंपर्क शुरु होता है कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलकर लोगो से कांग्रेस के पक्ष में वोटहै। जनसंपर्क के दौरान थोड़ी देर कहीं सुस्ता लेते है। वर्तमान में जनसंपर्क के दौरान रात १० बजे तक जिस भी गांव में पहुंचते है। वही भोजन व रात्रि विश्राम करते है। सुबह उसी गांव के मंदिर मेंं दर्शन कर जनसंपर्क की शुरुआत करते है। प्रचार के दौरान अधिकतर कुर्ता- पजामा ही पहन रहे है।

परिजनों को दे पा रहे बस आधे घंटे का समय
देवीलाल धाकड़ (भाजपा)
गरोठ विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी देवीलाल धाकड़ पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे है। वे भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर भी रहे है। धाकड़ ने बताया कि सुबह ५ बजे वे उठते है इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना कर घर से निकल जाते है। जनसंपर्क के साथ ही उन्हें रात की १ से २ बज रही है। कार्यकर्ताओं से चर्चा के बाद वे विश्राम करते है। सुबह उठने के बाद नहा-धोकर पूजा-अर्चना करते है। इसके बाद आधा घंटा परिजनों के साथ बैठकर चर्चा करते है। इस दौरान कई लोग भी आ जाते है। रात १२ बजे तक कई कार्यकर्ता व आमजन कार्यालय पर उनका इंतजार करते रहते है। इसके बाद वे सभी से मिलते है। जनसंपर्क के दौरान अर्जेंट कॉल ही वे रिसीव कर पा रहे है। परिजनों के कॉल आने पर वे थोड़ी देर में कॉल करने की बात कहकर कुछ समय बाद बात करते है। प्रचार के दौरान अधिकतर वे कुर्ता -पजामा ही पहन रहे है।

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