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अनुमति के लिए नेताओं को लगाना पड़ रहे चक्कर

locationमंदसौरPublished: Nov 12, 2018 02:48:37 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

अनुमति के लिए नेताओं को लगाना पड़ रहे चक्करअनुमति के लिए नेताओं को लगाना पड़ रहे चक्कर

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अनुमति के लिए नेताओं को लगाना पड़ रहे चक्कर

मंदसौर.
विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से हर प्रकार के आयोजन रैली व सभाओं के लिए अनुमति लेना अनिवार्य किया गया था। ऐसे में आयोजनों में आचार संहिता के बादल छाए तो सही लेकिन राजनीतिक दलों द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद से अब प्रचार ने जोर पकड़ा तो अनुमति लेना का दौर भी शुरु हुआ। धार्मिक, सामाजिक, निजी व मांगलिक आयोजनों के लिए अनुमति के नियमों में थोड़ी शिथिलता जरुरी बरती जा रही है, लेकिन राजनीतिक दलों को अनुमति के लिए चक्कर लगाना पड़ रहे है और एप से ली जाने वाली ऑनलाईन अनुमति का दावा हवा हो गया। अब तक अनुमतियों का काम ऑफ लाईन ही चल रहा है।


अनुमति के लिए एप का नहीं हो रहा उपयोग
आचार संहिता लगने से पहले चुनावी तैयारियेंा के बीच राजनीतिक दलों को विभिन्न गतिविधियों के लिए अनुमति ऑनलाईन एप से लिए जाने को लेकर एप लांच की गई थी, लेकिन नियमों के कारण इसका उपयोग हो नहीं पा रहा है। किसी भी आयोजन से ४८ घंटे पहले एप के जरीऐ अनुमति लिए जाने का प्रावधान है। ऐसे में चुनावी दौर में तत्काल कार्यक्रम फिक्स होते है। इसी कारण एप का उपयोग नहीं हो पा रहा है और अनुमतियों का काम ऑफलाईन ही चल रहा है।


अनुमति के लिए लगाना पड़ रहे चक्कर
अनुमतिया लेने के क्रम में भाजपा की और से एसडीएम कार्यालय में अधिक आवेदन पहुंचे है। वीआईपी के आने से लेकर वाहन व नुक्कड़ सभा से लेकर अन्य प्रकार की अनुमतियों को लेकर रविवार दोपहर तक ६ से ७ आवेदन पहुंच चुकी थे, लेकिन कांग्रेस की और से एक भी आवेदन अनुमति के लिए नहीं पहुंचा। कांग्रेस की और से अब तक कोई वीआईपी जिले में आया भी नहीं। लेकिन चुनिंदा आवेदन के बाद भी राजनीतिक दलों के लोगों को आचार संहिता में अनुमति के लिए दफ्तर के चक्कर काटना पड़ रहे है। और कई फोन लगाने और मान-मनुव्वल के बाद अनुमति कई घंटों के इंतजार के बाद दी जा रही है। दरअसल मंदसौर से भाजपा के प्रत्याशी यशपालसिंह सिसौदिया की और से वाहन अनुमति को लेकर शनिवार को आवेदन दिया था, लेकिन अनुमति नहीं दी। करीब ५-६ चक्कर कटवाने के बाद रविवार को दोपहर ३.२० बजे अनुमति दी गई। वह भी कई जगह से फोन लगाने के बाद। जबकि शनिवार सुबह से वाहन चलना था, लेकिन अनुमति ही नहीं जारी की। प्रत्याशी के व्यय में वाहन का २ हजार रुपए हर दिन का जोड़ा जाएगा, ऐसे में शनिवार का व्यय जुडऩे के कारण अनुमति के लिए बार-बार नेता चक्कर लगाते रहे, लेकिन यहां से उन्हें कई बार टाला गया।


डीजे व पटाखें रहेंगे प्रतिबंधित
राजनीतिक दलों को अनुमति के दौरान स्पष्ट तौर पर यह शर्तों में बताया जा रहा है रैली, जुलूस के दौरान पटाखों की आतिशबाजी और डीजे के उपयोग पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा। यानी जनसंपर्क, रैली, जुलूस के दौरान कोई प्रत्याशी या दल पटाखों से लेकर डीजे का उपयोग नहीं कर सकेगा।


इनके लिए शिथिल नियम
आचार संहिता लगने के बाद शादी, मांगलिक कार्यक्रम, बर्थडे पार्टी, धार्मिक आयोजन, सामाजिक कार्यक्रम से लेकर राजनीतिक दलों को छोड़ होने वाले अन्य आयोजनों में अनुमति को लेकर थोड़ी शिथिलता बरती जा रही है। एसडीएम दफ्तर में इनको लेकर अनुमति के लिए कोई पहुंच भी नहीं रहा है और यदि कोई इक्का-दुक्का पहुंच भी रहा है तो उसे सावधानी के साथ अपना काम करने के अलावा की बात समझाईश जा रही है। ऐसे में ऐसे मामलों को लेकर अनुमति नहीं के बराबर हो रही है और यदि कोई पहुंच भी रहा है तो उसे शिथिलता दिखाते हुए दी जा रही है।

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