
Cultivation
MP News: मध्यप्रदेश में किसानों के लिए खुशखबरी आ रही है। अब जिले में लहसुन और संतरे की खेती भी किसानों के लिए भी लाभ का सौदा साबित होगी। यहां इन दोनों फसलों के अलावा औषधीय फसलों का उत्पादन भी अधिक होता है। वर्षों से इन फसलों पर आधारित उद्योग और रोजगार की मांग हो रही है।
अब खेती को उद्योगों से जोड़कर प्रोसेसिंग यूनिट किसानों को उपज का बेहतर दाम दिलवाएगी और खेती को रोजगार व उद्योग आधारित बनाएगी। सीएम डॉ. मोहन यादव की घोषणा से इसके लिए उम्मीद जगी है। जिले में लहसुन से लेकर प्याज व अन्य औषधीय फसलों के उत्पादन के साथ क्वालिटी भी कई राज्यों में बेहतर मानी जाती है।
जिले से दिल्ली से मुंबई तक एक्सप्रेस वे गुजर रहा है तो फोरलेन से लेकर अन्य हाईवे गुजर रहे हैं। वहीं चंबल के कारण पानी की उपलब्धता है और रेलवे परिवहन भी बेहतर है। सड़क-रेल परिवहन के साथ उद्योगों के लिए कच्चा माल भी अत्यधिक है। ऐसे में उद्योगों के लिए जिले में पूरी तरह माहौल तैयार है। अब यदि कॉन्क्लेव हुआ तो उद्योगों के साथ खेती व रोजगार को भी पंख लग जाएंगे।
मसाला की फसल में जिले में उत्पादन व रकबा भी बेहतर है। 67 हजार 757 हेक्टेयर मसाला फसलों का रकबा है और 2 लाख 50 हजार 80 मैट्रिक टन उत्पादन है। वहीं औषधीय में 9 हजार 170 हेक्टेयर का रकबा है और उत्पादन 10 हजार 388 मीट्रिक टन है। इनमें औषधीय में कलोंजी, मैथी, धनिया, तुलसी, ईसबगोल, कालमेघ, अश्वगंधा सहित अन्य कई औषधीय फसलों की खेती हो रही है।
वहीं मसाला में लहसुन-प्याज की खेती सबसे अधिक होती है। लहसुन व संतरे का उत्पादन सबसे अधिक होता है। इन्हीं की देशभर में सबसे अधिक मांग है। जिले में उद्यानिकी फसलों का रकबा 1 लाख 7 हजार हेक्टेयर है और इनका उत्पादन 6.43 लाख मीट्रिक टन है। सबसे ज्यादा लहसुन का रकबा है। 18 हजार 211 हेक्टेयर रकबे की लहसुन में 1.82 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन होता है।
उद्यानिकी विभाग के उपसंचालक केसी सोलंकी ने बताया, गरोठ में संतरा मंडी और प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी प्रस्ताव भेजे हैं। जिले में कुछ जगहों पर यूनिट चालू भी हुई है। अनुकूलता के कारण लगातार औषधीय व उद्यानिकी फसलों की ओर किसानों की रुचि बढ़ रही है।
29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शहर में मंदसौर-नीमच में औषधि व उद्यानिक फसलों के अत्यधिक उत्पादन को देखते हुए यहां इंडस्ट्री कान्क्लेव करने की घोषणा की थी। यह हुआ तो मसाला, मेडिसिन और फलों पर आधारित उद्योगों से जुड़े उद्योगपति आएंगे। यह उद्योग स्थापित हुए तो किसानों को प्लेटफॉर्म मिलेगा और उपज की अच्छी कीमत मिलेगी। उद्योगों से उद्यानिकी व औषधीय फसलों को लाभ होगा। इससे किसान भी उद्योगों से सीधे जुड़ेंगे तो आत्मनिर्भर बनेंगे।
लहसुन को एक जिला एक उत्पाद में लेने के बाद प्रोसेसिंग यूनिट की डीपीआर बनी। 40 से अधिक प्रोसेसिंग यूनिट से किसानों को रोजगार व उद्योग से जोड़ने की कवायद थी, लेकिन कागजों से बाहर नहीं आ पाई। वहीं गरोठ से लेकर शामगढ़ क्षेत्र में संतरा बड़ी मात्रा में होता है। ऐसे में गरोठ में संतरा मंडी की मांग सालों से है और मई-2023 में तत्तकालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसकी घोषणा भी की थी।
Published on:
10 Nov 2024 03:44 pm
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