उद्यान शाखा में 60 लाख सालभर में सिर्फ वेतन के खर्च करती है नपा
मंदसौरPublished: Feb 11, 2023 11:04:36 am
उद्यान शाखा में 60 लाख सालभर में सिर्फ वेतन के खर्च करती है नपा


उद्यान शाखा में 60 लाख सालभर में सिर्फ वेतन के खर्च करती है नपा
मंदसौर.
शहर के जिन उद्यानेंको संवारने के नाम पर नगर पालिका लाखों रुपए का बजट खर्च करती है उन्हीं उद्यानों से सुंदरता मुंह मोड़ चुकी है। ना तो फूल इनमें दिख रहे है और ना ही हरे-भरे पौधें और घास। ना घुमने के लिए फुडपार्थ बना हुआ है ओर ना ही कोई इनमें बैठकर योगा-प्राणायाम कर सकता है। इतना ही नहीं बच्चों को भी यह उद्यान आकर्षित नहीं कर पा रहे है। ६० लाख रुपए नगर पालिका उद्यान शाखा के कर्मचारियों सालभर मे सिर्फ वेतन देती है। इसके अलावा अन्य खर्च है जो अलग फिर भी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण शहर के उद्यानों से हरियाली गायब है। लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी उद्यान विरान पड़े है। पार्षद से लेकर नगर पालिका के अन्य जनप्रतिनिधियों से लेकर इंजीनियरो से लेकर स्वास्थ्य व उद्यान शाखा से लेकर अन्य शाखा हो या नपा के अन्य कर्मचारी व अधिकारी किसी का भी उद्यानों पर ध्यान नहीं है। इसी कारण दिनोंदिन इनकी स्थिति बदतर होती जा रही है।
निर्माण पर हर किसी का फोकस, बगीजों में किसी की नहीं रुचि
नगर सरकार में पार्षद से लेकर सभापति ओर इंजीनियर से लेकर नपा के पूरे अमले की रुचि सिर्फ निर्माण कार्यों में ही है। निर्माण कार्यों के लिए खींचतान मची है लेकिन उद्यानों में किसी की भी रुचि नहीं है। इसलिए नपा के पास उद्यानों को संवारने के लिए कोई योजना भी नहीं है और नपा इसके लिए तैयार भी नहीं है। आबादी क्षेत्र में अपनी बदहाली पर आंसू बहाते उद्यान पूरे शहर में दिख रहे है लेकिन फिर भी नपा इस पर ध्यान तक नहीं दे रहे है। इसी कारण उद्यानों में कही पर भी मनोरंजक संसाधनों से लेकर अन्य उपकरण व झुले-चकरी जैसे साधन नहीं है तो पेड़-पौधों से लेकर हरियाली ओर घास नहीं है और ना ही उद्यानों में पौधों के लिए कभी खाद-बीज खरीदकर इन्हें दिया जाता है। कुछ उद्यानों तक नहीं नपा सिमटकर रह गई है। बदहाल हो रही उद्यानों की ओर कोई झांक तक नहीं रहा है। इसी कारण यहां की दूर्दशा दूर नहीं हो रही है।
उद्यान शाखा के कर्मचारियों की ड्युटी करें सार्वजनिक
पिछले दिनों कांग्रेस पार्षद तरुण शर्मा ने परिषद के सम्मेलन में उद्यानों का मुद्दा उठाया था। इसमें बताया था कि नपा प्रदेश की सबसे सक्षम नपा है फिर भी उद्यानों को नहीं संवारा जा रहा है। शहर में एक भी उद्यान ऐसा नहीं है जहां बच्चों को लेकर या कोई घुमने जा सकता है। ६० लाख सालाना कर्मचारी को वेतन नपा दे रही है लेकिन कर्मचारी उद्यानों में नहीं दिख रहे है। एक भी उद्यान में काम करते हुए कर्मचारी कही नहीं दिखता है तो फिर कर्मचारी काम कहा कर रहे रहे है। उन्होंन उद्यानो को झोन में परिवर्तित करते हुए ड्युटी को सार्वजनिक करने की मांग की थी। जिसमें पार्षदों को जानकारी हो कि उनके वार्ड में किन उद्यानों में कोन कर्मचारी काम कर रहा है।
उद्यान तो है लेकिन कर्मचारी लापता ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे
शहर में उद्यान तो बहुत सारे है। ४५० उद्यान सभी को मिलाकर है। पत्रिका ने शुक्रवार को किटयानी ओर नईआबादी क्षेत्र के उद्यानों को रुख किया तो यहां हरियाली ढूंढने पर भी नहीं मिल रहे है तो घास भी नहीं है और ना ही फूल व झुले दिख रहे है। बस बनाने के बाद इन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया। ऐसे में यहां कोई बैठने और घुमने तो दूर झांकने भी नहीं पहुंच रहा है। उद्यानों की संख्या का देख कर्मचारियों का अमला बहुत कम है इस पर कर्मचारियों के साथ संसाधन ओर बजट बढ़ाने की जरुरत है लेकिन इस पर अब तक किसी ने सोचा नहीं। लेकिन विडबंना यह है कि जो कर्मचारी उद्यान शाखा में रेकार्ड में दर्ज है वह भी ढूंढने से भी नहीं मिल रहे है। ४० पार्षदों वाली नपा में कांग्रेस के मात्र ८ पार्षद है ऐसे में विपक्ष में सीमित संख्या के कारण इनके द्वारा पिछले दिनों उद्यानों का मामला लगातार उठाने के बाद भी किसी ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है।
बैठक से लेकर काम का दावा
नपा सीएमओ ने उद्यानों के मामलों में बैठक कर इस मामले में निर्णय लेने की बात कही तो सभापति निर्मला चंदवानी ने उद्यानों पर काम की शुरुआत करने की बात कहते हुए उद्यानों का स्वरुप बदलने का दावा किया लेकिन विरान पड़े उद्यान अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के इन दावों का पूरा होने का इंतजार कर रहे है।