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सुलह से भर दी रिश्तो में आई दरार

locationमंदसौरPublished: Jul 14, 2018 08:39:37 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन

patrika

सुलह से भर दी रिश्तो में आई दरार

मंदसौर । जिला न्यायालय मंदसौर एवं तहसील न्यायालय गरोठ, भानपुरा, नारायणगढ़, सीतामऊ में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। जिला एवं सत्र न्यायाधीश तारकेश्वर सिंह ने प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय के कुल 17 प्रकरणों को राजीनामा के आधार पर निराकृत किया। वहीं जिले भर में करीब 39 वैवाहिक मामलों मेंं दंपति एक-दूजे के हुए। इसमें नीतेश विरुद्ध सोनू में 1 वर्ष से पृथक रह रहे पति-पत्नी को साथ-साथ रहने के लिए राजी किया। इसी तरह फिरोज खान विरुद्ध शबनम के प्रकरण में पत्नी गूंगी-बहरी होकर पिछले 1-5 वर्ष से सात वर्षीय पुत्री के साथ रह रही थी जिसमें पति-पत्नी के बीच आपसी राजीनामा कराया गया।
2098 प्रकरणों का ही हुआ निराकरण
लोक अदालत में 5997 कोर्ट में लंबित मामले निराकरण के लिए रखे गए थे जिसमें से कुल 335 प्रकरणों का निराकरण किया गया। कुल 5995 प्रीलिटिगेशन रखे प्रकरण में से 2098 प्रकरणों का निराकरण किया गया इसमें 9 लाख 6 6 हजार 329 राशि की वसूली की गई। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण 44 निराकृत किए गए। इसमेें कुल राशि 6 3 लाख 98हजार का अवार्ड पारित किया गया। इस लोक अदालत में धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस के प्रकरण 126 निराकृत किए गए इसमें कुल राशि रुपए 94 लाख 95 हजार 594 का अवार्डपारित हुआ। इसके अलावा 8 आपराधिक प्रकरण, 39 वैवाहिक प्रकरण, 4 श्रम मामले, ५७ विद्युत मामलों का भी निराकरण किया गया है।
लोक अदालत में यह रहे उपस्थित
नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ जिला मुख्यालय पर वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र एडीआर भवन मंदसौर के सभाकक्ष में जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष तारकेश्वर सिंह ने किया। इस अवसर पर कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव, एसपी मनोज कुमार सिंह, जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष जयदेवसिंह चौहान, जगदीशचन्द्र राठौर, अब्दुल कादीर मंसूरी, नरसिंह बघेल, निशा गुप्ता, रूपेश गुप्ता, एसके सूर्यवंशी, शबनम कदीर मंसूरी, अनिरूद्ध जैन, सुशील गेहलोत, एसके चौहान उपस्थित रहे।
पौधा देकर दिलाई साथ रहने की शपथ
लोक अदालत में राजीनामों के माध्यम से बिछड़े परिवार का मिलन हुआ एवं पति पत्नि ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई व एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर सारे गिले शिकवे भुलाकर खुशी खुशी घर रवाना हुए। जिला एवं सन्न न्यायाधीश के नेतृत्व में एक प्रकरण शेख मोहम्मद विरूद सलमा बी राजीनामा के लिए रखा गया। प्रकरण में शेख मोहम्मद का विवाह 2004 में सलमा बी निवासी पायाखेड़ी के साथ हुआ था शेख मोहम्मद व सलमा बी से एक संतान फरहान उम्र 02 वर्ष का जन्म हुआ एवं पारिवारीक छोटी मोटी बातों को लेकर दोनो पक्षों में विवाद हो गया था। इसको लेकर सलमा बी ने न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष धारा 125 का प्रकरण लगाया था एवं शेख मोहम्मद ने दाम्पत्य संबंधों की स्थापना का वाद कुटुम्ब न्यायालय मंदसौर में प्रस्तुत किया था। दोनों पक्षों के मध्य विवाद होने से अवयस्क पुत्र फरहान उम्र 02 वर्ष की पढ़ाई- लिखाई आदि बाधित हो रही थी एवं दोनो पक्षो के अधिवक्ताओं ने मध्यस्ता के माध्यम से सुलह समझौते की वार्ता के कई दौर चलाए अन्तत: सुलह समझोते की वार्ता सफल हुई एवं शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों का सौहार्दपूर्ण वातावरण में न्यायाधीशगणों, अधिवक्तागणों, पक्षकारों के परिवारजन की मौजूदगी में राजीनामा सम्पन्न हुआ एवं शेख मोहम्मद व सलमा बी खुशी-खुशी अपने अपने घर विदा हुए एवं पर्यावरण को हरा- भरा रखने के लिए शेख मोहम्मद व सलमा बी को न्यायाधीशगणों की और से पौधारोपण की शपथ दिलाई गई व दोनो को एक-एक पौधा देकर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी देकर दाम्पत्य सबंधों को खुशी-खुशी बिताने की शपथ दिलाकर खुशी- खुशी रवाना किया। इसी प्रकार अन्य प्रकरण दुर्गाबाई विरूद्ध धमेन्द्र, निर्मला विरूद्ध मनीष, रेखा विरूद्ध बंशीलाल, अय्यूब विरूद्ध सुनील आदि के प्रकरणों में भी राजीनामा प्रस्तुत हुआ व निराकरण हुआ। इस दौरान अब्दुल रशीद मंसूरी एडवोकेट, मोहम्मद उस्मान मंसुरी एडवोकेट, अब्दुल कादर मंसुरी एडवोकेट, सीए दिनेश जैन उपस्थित थे।

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