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गतवर्ष की अपेक्षा पानी कम, क्या करेगी अब मंदसौर नगरपालिका

locationमंदसौरPublished: Feb 28, 2018 02:32:43 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– १५ फीट पानी से कितने दिनो तक नगरपालिका बुझाएगी शहरवासियों की प्यास

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मंदसौर.
इस बार औसत से कम बारिश हुई है। नगर पालिका के जल स्त्रोतों से तेजी से पानी कम हो रहा है। बुगलिया नाला व अन्य स्त्रोत भी अब सूख गए है। सारा दारोमदार कालाभाट बांध पर है। इस बांध में भी गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष करीब डेढ़ फीट पानी कम है। केवल १५ फीट पानी से १२० दिन तक शहर की प्यास बुझाने का दावा नगर पालिका कर रही है। हांलाकि नपा यह भी स्वीकार रही है कि इस बार नदी के आसपास के कुए सूख चुके है। जमीन भी प्यासी है। गर्मी में वाष्पीकरण भी अधिक होगा। ऐसे में मई-जून में जल संकट की स्थिति हो सकती है।
शहर की डेढ़ लाख आबादी को नगर पालिका २५ हजार नल कनेक्शनों के माध्यम से पेयजल वितरीत कर रही है। नपा के पास कालाभाटा बांध, रामघाट बांध और कंथार बंाध जल स्त्रोत है। यह तीनों बांध शिवना नदी पर बने है। इस बार औसत से कम लगभग ३० इंच ही बारिश हुई है। ऐसे में अन्य स्त्रोतों से मिलने वाला जल इस बार जल्दी खत्म हो गया। अब पूरा दारोमदार काला भाटा बांध पर है। कंथार में पानी खत्म हो चुका है। वही राम घाट में ढाई फीट पानी है। पर यह बांध बहुत अधिक सकरा है। यहां से आठ से करीब आठ इंच पानी शहर को प्रतिदिन सप्लाय हो रहा है। २४ लाख गैलन पानी से रामघाट का जलस्तर करीब पौन फीट कम हो रहा है।


पाट चौड़ा, हो रहा पानी चोरी
कालाभाटा बांध का पाट चौड़ा है। पर यहां भी पानी की चोरी, वाष्पीकरण से पानी कम हो रहा है। मई जून में तो वाष्पीकरण ही दर डेढ़ से दो इंच प्रतिदिन की हो जाएगी। शहर को कुए बावडिय़ों व टयूबवेल के माध्यम से करीब चार लाख गैलन पानी भी नपा दे रही है। कुल मिलाकर २८ लाख गैलन पानी शहर को प्रतिदिन दिया जा रहा है। यह पानी मानक से लगभग आधा है।


एक दिन छोडक़र शहर को मिल रहा पानी
नगर पालिका वर्तमान में एक दिन में केवल आधे शहर को ही पानी दे पा रही है। अर्थात एक दिन छोडक़र लोगों को पानी मिल रहा है। ग्रीष्म ऋतु में पानी की खपत वर्तमान से दो गुना हो जाएगी। ऐसे में दिया जा रहा २८ लाख गैलन पानी भी कम पड़ेगा। यही वजह है कि विशेषज्ञ कह रहे है कि मई-जून में शहर को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। नगर पालिका के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि भी इस बात को स्वीकार रहे है कि वर्तमान परिपेक्ष्य को देखते हुए १५ मई के बाद जल संकट बढ़ेगा। गत वर्ष की अपेक्षा पानी कम होना और दो से ढाई लाख गैलन पानी प्रतिदिन ज्यादा देने से भी काला भाटा बांध का पानी तेजी से कम हो रहा है। अब केवल जल प्रबंधन से ही जून अंत तक लोगों को पानी दिया जा सकेगा।


हेडपंप और टूयबवेल पर निर्भर रहेंगे लोग
शहर की कई बस्तियों में मई-जून में पानी की बढ़ती मांग के चलते शहर के करीब चार सौ हेडपंप और २५ टूयबवेल पर भी निर्भर होना पड़ेगा। अविकसित कॉलोनियां अभी छेाटी-छोटी कुईयों से भी पानी ले रही थी। अब इन कुईयों का पानी या तो कम हो गया या वे सूखने लगी है। ऐसे में ४३ कॉलोनियां का निर्भरता अब कालाभाटा बांध पर होगी।


इनका कहना…
जलकल समिति के सभापति पुलकित पटवा ने कहा कि यह बात सही है कि गत वर्ष की अपेक्षा जल स्त्रोतों में पानी कम है। गत वर्ष की अपेक्षा दो से ढाई लाख गैलन पानी अधिक दिया जा रहा है। इसके बाद भी बेहतर जल प्रबंधन कर शहर को जून अंत तक पानी पिलाने का प्रयास होगा। जून माह में जल संकट हो सकता है।

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