आज देने वाले थे कलेक्टर को इस्तीफा
नपाध्यक्ष को इस्तीफा देने के बाद भी पार्षदों की मांगों को नहीं माना गया और न ही उन्हें संतुष्ट जवाब नहीं मिला तो सभी पार्षद मंगलवार को कलेक्टर को अपना इस्तीफा देने जा रहे थे। अब संगठनमंत्री के आने की सूचना के बाद फिलहाल सभी पार्षदों ने मंगलवार को कलेक्टर को इस्तीफा देने के फैसले को टाल दिया है। पार्षदों का कहना है कि संगठन मंत्री से चर्चा के बाद वे आगे रणनीति तैयार करेंगे।
जारी रहेगा विरोध
नपाध्यक्ष से नाराज और असंतुष्ठ पार्षदों का कहना है कि जब तक संगठनमंत्री से चर्चा नहीं हो जाती है तब उनका विरोध जारी रहेगा। हालांकि उनका कहना यह भी कहना है कि संगठन स्तर पर चर्चा के दौरान उनकी मांग यही रहेगी कि नपाध्यक्ष ने चार सभापति बदले हैं, हमारी मांग को सभी को बदलने की है, और वहीं मांग संगठन मंत्री के सामने भी रहेगी। यदि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो भी वे अपना इस्तीफा देंगे।
रात को बैठक में चर्चा
असंतुष्ट पार्षदों की सोमवार शाम को ९ बजे बैठक भी हुई है। बैठक में सभी पार्षदों ने इस बात पर अपनी सहमति दी है कि यदि पीआईसी के सभी सभापतियों को नहीं बदला जाता है तो वे सामूहिक रूप से अपना इस्तीफा देंगे। जब तक पूरे मामले का निराकरण नहीं हो जाता है वे कार्य भी नहीं करेंगे।
उपचुनाव ही एक रास्ता
कांग्रेस नेता और अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे सोमिल नाहटा का कहना है कि वर्तमान में जो परिस्थिति नगर पालिका में चल रही है, उस अनुसार यदि १२ पार्षद अपना इस्तीफा देते हैं तो मंदसौर में उपचुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि इन पार्षदों की जवादेही आमजन के लिए है और सेवा का संघर्ष है तो इन्हें तत्काल इस्तीाफ देना चाहिए। अभी तो लग रहा है कि ये सत्ता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जनहित की कोई भी बात होती तो अब तक इस्तीफा दे दिया होता।