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नपाध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ी, नहीं मना सके नाराज पार्षदों को

locationमंदसौरPublished: Apr 23, 2018 02:58:42 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– मंगलवार को असंतुष्ट पार्षद सौंपेंगे कलेक्टर को इस्तीफा

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मंदसौर.
्रनपाध्यक्ष की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। पीआईसी गठन के बाद से ही नपाध्यक्ष का लगातार विरोध हो रहा है। पीआईसी गठन में पक्षपात और जातिवाद का आरोप लगाते हुए कुछ पार्षदों ने इस्तीफे भी दिए थे, परंतु नपाध्यक्ष असंतुष्ट पार्षदों को मनाने में असफल रहे। रविवार को नाराज पार्षदों ने एक रैली भी निकाली और गांधी चौक पर एकत्र होकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। इसके साथ ही पता चला कि नपाध्यक्ष से नाराज पार्षद मंगलवार को कलेक्टर को अपना इस्तीफा दे सकते हैं।
पीआईसी गठन के बाद से भाजपा के कुछ पार्षद से नपाध्यक्ष से नाराज है। नपाध्यक्ष पर पीआईसी गठन में जातिवाद और पक्षपात का आरोप लगाते हुए दो दिन में ९ पार्षदों ने अपने इस्तीफे भी दिए थे। इस पर नपाध्यक्ष ने कहा था वे नाराज पार्षदों को मना लेंगे, परंतु वे ऐसा करने में सफल नहीं हो सकें और अब असंतुष्ट पार्षदों की संख्या नौ से बढक़र १२ हो गई है।


रविवार को निकाली वाहन रैली
रविवार सुबह सभी १२ पार्षद एकत्र हुए और उन्होंने शहर में वाहन रैली भी निकाली और कालका माता के दर्शन कर गांधी चौराहे पर एकत्र होकर शांतिपूर्ण रूप से अपनी नाराजगी जाहिर की। इस दौरान पार्षदों ने अपनी आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा की।


मंगलवार को कलेक्टर को दे सकते हैं इस्तीफा
सूत्रों का कहना है कि नाराज पार्षद मंगलवार को कलेक्टर को अपना इस्तीफा दे सकते हैं। पार्षदों का कहना है कि उनकी मांग है कि नपाध्यक्ष पूरी पीआईसी को बदलें या फिर अन्य पार्षदों के कार्यों पर ध्यान दे। हाल ही में जिस प्रकार से उन्होंने पक्षपात कर जातिवाद के आधार पर सभापति नियुक्त किए हैं, वे उन्हें बदले और अन्य पार्षदों को भी सभापति बनने का अवसर दे। कई पार्षदों ने अपने वार्ड में अच्छा कार्य किया है और उन्हें मौका मिलना चाहिए। यदि नपाध्यक्ष उनकी बात नहीं मानते हैं तो सभी १२ पार्षद कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंप देंगे।


फिर हो सकते हैं उपचुनाव
नपाध्यक्ष से नाराज पार्षद कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंप देते हैं मंदसौर में आगामी छह माह में एक बार फिर उपचुनाव की स्थिति बन जाएगी। वहीं इसी साल विधानसभा चुनाव भी है, ऐसे में मंदसौर में विधानसभा चुनाव के साथ उपचुनाव भी हो सकते हैं। ऐसे में अब नपाध्यक्ष को किसी भी हाल में नाराज पार्षदों को मनाना होगा, या फिर उन्हें उपचुनाव के लिए तैयार रहना होगा।


इधर कोटवानी ने संभाला पद
एक ओर जहां असंतुष्ट पार्षद इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं सभापति राम कोटवानी ने समारोह पूर्वक अपना पदभार रविवार को ग्रहण किया। समारोह में पूर्व राज्यसभा सांसद व लोकसभा अध्यक्ष के मानद सलाहकार रघुनंदन शर्मा, नपाध्यक्ष प्रहलाद बंधवार, नवमनोनीत सभापति राम कोटवानी एवं सिन्धी समाज के वरिष्ठजन उपस्थित थे। पूर्व राज्यसभा सांसद शर्मा ने कहा कि जनसेवक किसी भी संस्था में प्रशासक की भांति नही बल्कि प्रबंधक की भांति कार्य करे। कार्यक्रम में सिंधी भाईबंध पंचायत के अध्यक्ष नंदुभाई आडवानी, सिंधी समाज के वरिष्ठजन दृष्टानंद नैनवानी, सुंदरदास मनवानी, पं त्रिलोक शर्मा, पं राजेन्द्र शर्मा ,नीतिश सतीदासनी, अशोक कोठारी उपस्थित थे।


इनका कहना
पार्टी स्तर पर चर्चा चल रही है। जिलाध्यक्ष से भी इस विषय पर बात हुई है। सभी पार्षदों से चर्चा कर इस समस्या का निराकरण करेंगे।
प्रहलाद बंधवार, नपाध्यक्ष

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