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ऐसा क्या हुआ कि एक दिन में इनको मिल गई १ करोड़ २७ लाख की राशि

locationमंदसौरPublished: Apr 23, 2018 03:23:29 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– मिलनी थी इससे भी अधिक राशि

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मंदसौर.
नेशनल लोक अदालत का आयोजन रविवार को जिला न्यायालय मंदसौर एवं तहसील न्यायालय गरोठ, भानपुरा, नारायणगढ़, सीतामऊ में किया गया। लोक अदालत में 7464 मामले निराकरण के लिए रखे गए थे जिसमें से कुल 332 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इसमें मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावा प्रकरण 28 निराकृत किए गए। जिसमेें कुल राशि 1 करोड 12 लाख 75 हजार का अवार्ड पारित किया गया। इस लोक अदालत में धारा 138 के अंतर्गत चैक बाउंस के प्रकरण 97 निराकृत किए गए। आपराधिक प्रकरण 48, वैवाहिक प्रकरण 30, श्रम मामले 02, विद्युत मामले 94 का भी निराकरण किया गया है। प्रीलिटिगेशन प्रकरण 1895 का भीे निराकरण किया गया।


बीमा प्रकरण में २३ लाख का अवार्ड किया पारित
लोक अदालत में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं सदस्य मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण मंदसौर प्रभात कुमार मिश्रा के न्यायालय के कुसुम विरुद्ध चौलामंडलम जनरल इंश्योंरेंस कंपनी में समझौता होने से रुपए 23 लाख का लोक अदालत अवार्ड पारित किया गया। कंपनी की ओर से अधिवक्ता शैलेन्द्र अग्रवाल द्वारा पैरवी की गई। लोक अदालत का शुभारंभ जिला मुख्यालय पर वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र एडीआर भवन पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मिश्रा द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश आरएल यादव, प्रभारी लोक अदालत एवं अपर जिला न्यायाधीश अब्दुल कदीर मंसूरी, नरसिंह बघेल, अपर जिला न्यायाधीश निशा गुप्ता, अपर जिला न्यायाधीश रूपेश गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसके सूर्यवंशी, न्यायिक मजिस्ट्रेट शबनम कदीर मंसूरी, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जगदीशचन्द्र राठौर, अनिरूद्ध जैन, सुशील गेहलोत, पीठासीन अधिकारी श्रम न्यायालय एसके चौहान एवं जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष जयदेवसिंह चौहान एवं अभिभाषकगण, पक्षकारगण उपस्थित थे।


एक साल से अलग रह रहे पति-पत्नी का हुआ मिलन
लोक अदालत के एक प्रकरण में एक वर्ष से अलग रह रहे पति- पत्नी का पुन: मिलन हुआ। शनोवर बी पिता वहीद खां पाठन निवासी नालबंद चौक मंदसौर का निकाह युनुस पिता मुन्ना खां निवासी ताल के साथ हुआ बच्चा होने के बाद शनोवर बी को ससुराल की और से परेशान किया गया। तो शनोवर बी अपने पिता के घर चली गई। करीब १ साल से वह अपने पिता के घर पर ही रह रही थी। कुछ दिनों बाद शनोवर बी व उसके पिता एडवोकेट सैलानी अब्दुल कादर मंसूरी के सम्पर्क में आए। इनके द्वारा विधिक सहायता के माध्यम से धारा 12 घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम के तहत जेएमएफसी के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। इसका नोटिस युनुस व उसके परिवार वालो का प्राप्त हुआ। नोटिस प्राप्त होते ही दूसरी पेशी समझौते के लिए लोक अदालत के दिन रखी गई। शनोवर बी और उसके पति युनुस व सास-ससुर को जेएमएफसी शबनम कदीर मंसुरी एवं सैलानी अब्दुल रसीद मंसुरी एडवोकेट, आशीष गोड एडवोकेट, सैलानी अब्दुल कादर मंसुरी एडवोकेट एवं एडवोकेट संघ के अध्यक्ष जयदेवसिंह चौहान द्वारा समझाईश दी जाने पर दोनो पति पत्नी एवं उनके परिवार वाले आपस में समझ गए और आज फिर अपनी बहु को अपने साथ न्यायालय से आपसी राजीनामा कर ले गए। इसी प्रकार मारपीट के कुछ मामलों में भी राजीनामा हुआ।
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