रेपिड रिपोर्टिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर दर्ज हो रही जानकारी
एकीकृत बाल विकास परियोजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र पर नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका द्वारा घर- घर जाकर सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वे के दौरान कार्यकर्ता आम लोगों को विभाग की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी तो दे ही रही है साथ ही विभाग द्वारा दिए गए प्रारूप में संबंधित परिवार की पूरी जानकारी एकत्रित कर प्रत्येक सदस्य का आधार नंबर लिया जा रहा है। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद पूरा डाटा रेपिड रिपोर्टिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर दर्ज कर दिया जाएगा। इससे प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र की जनसंख्या का आंकलन भी होगा और वार्ड के महिलाए पुरूष एवं बच्चों की जानकारी भी एकत्रित हो जाएगी।
समय पर मिल सकेगा लाभ
विभाग द्वारा कई ऐसी योजनाएं चलाई जाती है जिनकी जानकारी सामान्य लोगों को नही रहती है और जानकारी के अभाव में योजनाओं का लाभ उन तक नही पहुंच पाता है। विस्तृत डाटाबेस तैयार होने के बाद हितग्राहियों को योजना का लाभ समय पर मिल पाएगा। हितग्राही जहां भी रहेगा उस तक जानकारी पहुंचा दी जाएगी। यह जानकारी साफ्टवेयर के माध्यम से कही भी देखी जा सकेगी।
इन योजनाओं का मिलेगा लाभ
महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित योजनाएं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना, पौषण आहार, टीकाकरण आदि योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा। बच्चे एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण संबंधी जानकारी भी आसानी से मिल सकेगी। डाटाबेस तैयार होने के बाद संबंधित बच्चे या गर्भवती का किसी भी प्रदेश या जिले में सही तरीके से टीकाकरण हो सकेगा। अभी तक आंगनवाड़ी केन्द्रो पर पहुंचने वाले बच्चे और गर्भवती महिलाओं से पहले लगाए गए टीके की जानकारी लेनी पड़ती थी अब यह समस्या नही रहेगी। सॉफ्टवेयर में एक क्लिक करते ही पूरी जानकारी सामने आ जाएगी और स्वास्थ्य परीक्षण से लेकर टीकाकरण करने की समय सारणी भी सामने आ जाएगी।
सामने आएगी पारदर्शिता
केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से तरह.तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन जानकारी के अभाव में इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पाता था। डाटाबेस तैयार होने के बाद अब विभागीय स्तर पर पारदर्शिता भी दिखाई देगी। अमूमन इस विभाग पर आए दिन आक्षेप लगते रहते थे। बच्चों की संख्या कुछ भी दर्ज कर कई केन्द्रों पर उनके अनुपात में पोषण आहार से लेकर अन्य योजनाओं में बंदरबाट की जा रही थी।
इनका कहना…
जिले की सभी ९ परियोजनाओं की १७३५ आंगनवाडिय़ों में सर्वे कार्य जारी है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा सभी हितग्राहियों के आधार नंबर लिए जा रहे हैं और इससे डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद विभाग को हितग्राही तक योजनाओं का क्रियान्वयन करने में सहूलियत होगी। 30 अप्रैल तक कार्य पूर्ण किया जाना है।
– प्रफुल्ल खत्री, कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग
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