scriptचुनावी वर्ष में किसानों को साधने सरकार का मास्टर स्ट्रोक | news | Patrika News

चुनावी वर्ष में किसानों को साधने सरकार का मास्टर स्ट्रोक

locationमंदसौरPublished: Jul 05, 2018 12:12:41 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

– चुनावी वर्ष में किसानों को साधने सरकार का मास्टर स्ट्रोक

patrika

चुनावी वर्ष में किसानों को साधने सरकार का मास्टर स्ट्रोक

मंदसौर.
केंद्र सरकार ने बुधवार को करीब १४ उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में करीब ५० प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। सरकार का यह निर्णय किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए है। प्रदेश में मंदसौर जिले से किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी और फसलों के उचित दाम नहीं मिलने के कारण किसान सडक़ पर भी आ गए थे। हालांकि यह आंदोलन पूरे देश में चला था परंतु प्रदेश का मंदसौर इस आंदोलन का गढ़ रहा है। ऐसे में सरकार का यह फैसला चुनावी वर्ष में किसानों को साधने वाला माना जा रहा है।
केंद्र सरकार ने बुधवार को फैसला लेते हुए १४ उपज में ५० से ९७ प्रतिशत तक न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की है। किसानों की प्रमुख मांग कि फसलों का उचित दाम उन्हें नहीं मिल पाता और लागत भी नहीं मिल पाती है। सरकार के इस फैसले किसानों को कुछ राहत प्राप्त होगी। वहीं सरकार का कहना है कि लागत से डेढ़ गुना मूल्य देने के वादे को सरकार ने पूरा किया है। हालांकि वर्तमान में खरीफ और रबी दोनों फसलों का सीजन समाप्त हो गया है और किसान खेतों में बुवाई में लगा है रबी सीजन की फसलों के आने पर किसानों को सरकार के इस फैसले का लाभ मिलना प्रारंभ हो जाएगा।


सरकार के फैसले पर बोल…
अपने हिसाब से न लें सरकार फैसला
किसानों ने आंदोलन के दौरान मांग की थी कि सरकार स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें और उसके अनुसार किसानों को लाभ दें। आप यदि किसानों को लाभ देना ही चाहते हैं तो स्वामी नाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करें, अपने हिसाब से कोई फैसला न लें। किसानों ने संघर्ष स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के लिए किया था।
हरदीपसिंह डंग, विधायक सुवासरा


चुनावी वर्ष और किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है। सरकार यदि किसानों को लाभ देना चाहती है तो स्वामीनाथन आयोग रिपोर्ट लागू करें। प्रदेश सरकार ने भावांतर योजना के नाम पर क्या किया है, सभी जानते हैं।
– प्रकाश रातडिय़ा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस


केंद्र सरकार ऐतिहासिक फैसला
केंद्र सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला है। कांग्रेस सिर्फ आलोचना कर सकती है। वे स्वयं बताए कि ५७ साल उनके शासन में किसानों को कितना लाभ मिला। कांग्रेस नेता जो किसान है क्या वे सरकार के इस फैसले से मिलने वाले लाभ से स्वयं को दूर रखेंगे। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए सरकार का यह निर्णय बहुत अच्छा कदम है।
– यशपालसिंह सिसौदिया, विधायक मंदसौर


मोदी का फैसला किसानों के साथ छल हैं
पूर्व की सरकारें हर वर्ष दाम में बढ़ोतरी करती थी। मोदी सरकार ने पिछले चार सालों में कुछ भी नहीं बढ़ाया और अब चुनावी वर्ष को देखते हुए किसानों को साधने के लिए यह फैसला लिया है जो किसानों के साथ छल है। मोदी ने अपने भाषण में जो कहा था, वह किसानों के लिए नहीं किया है। (सी,२ ५०) के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
– शिवकुमार शर्मा, कक्काजी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय किसान मजदूर महासंघ


बजट की घोषणा को किया पूर्ण
भारत सरकार का यह फैसला चुनावी वर्ष से जोडक़र देखना गलत है। बजट के दौरान ही वित्त मंत्री ने किसानों को लागत से डेढ़ गुना मूल्य देने का प्रावधान बजट में करने की घोषणा की थी, सरकार का यह फैसला बजट की घोषणा का ही परिणाम है। हम सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हैं।
– बंसीलाल गुर्जर, प्रदेश महामंत्री भाजपा

 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो