चार कंपनियों ने दिखाई रुचि, एक प्रक्रिया से हुई बाहर
मंदिर प्रबंध समिति ने इन सभी कार्यो के लिए करीब ५.५ करोड का प्रोजेक्ट तैयार किया है। २० दिन पहले टैंडर बुलाए गए थे। जिसकी अंतिम तारीख ३१ अगस्त थी। मंदिर समिति को इसके लिए चार टैंडर प्राप्त हुए थे। इसमें ग्वालियर, इंदौर व शामगढ़, नीमच की कंपनियों ने रुचि दिखाई। शनिवार को मंदिर समिति सचिव एवं एसडीएम एसएल शाक्य की उपस्थिति में टैंडर खोलने की प्रक्रिया सुबह ११ बजे से प्रारंभ हुई। इसमें २ बजे सबसे पहले डाक्यूमेंट संबंधी लिफाफा खोला गया। शाक्य ने बताया कि इसमें नीमच के आंजना गु्रप, शामगढ़ के एनके संघवी गु्रप, इंदौर के अंकुर कंन्ट्रक्शन एवं ग्वालियर के मुकेश जैन के लिफाफे प्राप्त हुए। इसके बाद शाम करीब ४ बजे तकनीकी कार्यो संबंधी लिफाफा खोला गया। इसमें इंदौर के अंकुर जैन तकनीकी कारणों से प्रक्रिया से बाहर हो गए। शेष तीन द्वारा दिए गए दस्तावेजों पर समिति द्वारा विचार- विमर्श किया गया। शाम ५ बजे फाइनेंसियल संबंधी लिफाफा खोला गया। सभी कंपनियों से 4 लाख 12 हजार की एफडी कराई गई। हालांकि सभी के दस्तावेज जांचने के बाद सबसे कम दर पर निर्माण कार्य करने वाली कंपनी को निर्माण कार्य करने की स्वीकृति दी जाएगी।
प्रवेश, कल्याण व प्रसाद मंडप का होगा निर्माण
मंदिर प्रबंध समिति से प्राप्त जानकारी अनुसार बड़ी पुलिया के पास वाले प्रवेश मार्ग पर एक भव्य प्रवेश मंडप (प्रवेश द्वार) का निर्माण होगा। मार्ग को घाट की तरफ मोड़ कर वहीं कल्याण मंडप (यात्रियों के बैठने व आराम करने के लिए खुली जगह) और प्रसाद मंडप का निर्माण किया जाएगा। सामने घाट के पास तापेश्वर मंदिर के पीछे सहस्त्र शिवलिंग मंदिर बनाया जाएगा। यहां से भक्त तापेश्वर, पशुपतिनाथ मंदिर व बालाजी मंदिर के दर्शन करते हुए वापस बाहर निकलेंगे। इससे मंदिर का प्रवेश दक्षिणावृत हो जाएगा। तापेश्वर मंदिर के पास बगीचे का निर्माण कर संतो की समाधियों का मार्बल से सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
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