३ को अमृतसिद्धी योग का संयोग
ज्योतिर्विद पंडित सोमेश्वर जोशी ने बताया कि सौभाग्यवश, इस वर्ष जन्माष्टमी के व्रतपर्व पर, मास (भाद्रपद) पक्ष (कृष्ण) तिथि (अष्टमी) नक्षत्र (रोहिणी) लग्न (वृषभ) योग 3 को अमृतसिद्धि योग का अद्भुत संयोग है। भारतीय स्टैंडर्ड समयानुसार रविवार रात्रि को 8 बजकर 46 मिनट से लेकर अगले दिन सोमवार को सायं 7 बजकर 19 मिनट तक अष्टमी तिथि रहेगी। रविवार को ही रोहिणी नक्षत्र रात्रि 8 बजकर 48 मिनट से लेकर सोमवार को रात्रि 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इसमे रविवार को रात्रि 10 बजकर 36 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक वृषभ लग्न का समावेश रहेगा। गृहस्थों को रविवार ही व्रत ग्रहण करना चाहिए। स्मार्त अनुयायी वे है जो स्मृतियों ओर अर्श वाणी को मानते है उनमे विश्वास व श्रद्धा रखते है और ***** धर्मग्रन्थ को मानते हो, ये वे भी हो सकते है जो विष्णु की पूजा करते हो जब तक जिन्होंने किसी विशेष की दीक्षा प्राप्त नहीं की हो वे स्मार्त है। धर्मसिन्धु और निर्णयसिन्धु में, जन्माष्टमी के दिन को निर्धारित करने के लिए स्पष्ट नियम हैं। कुल मिलकर स्मार्त जन्माष्टमी 2 सितम्बर को है और वैष्णव निम्बार्क की 3 सितम्बर को मनाई जाएगी। इसी कारण 3 सितम्बर को शासकीय अवकाश घोषित किया गया है।
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