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‘मेला परंपरा से जीवित है धर्म, संस्कृति और संस्कार’

locationमंदसौरPublished: Sep 11, 2018 02:13:45 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

‘मेला परंपरा से जीवित है धर्म, संस्कृति और संस्कार’

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‘मेला परंपरा से जीवित है धर्म, संस्कृति और संस्कार’

मंदसौर.
बाबा रामदेव ने इस देश को सामाजिक समरसता का संदेश दिया है। समाज के छुआछुत और भेदभाव को मिटाया, हमें इनके संदेश का अनुसरण करना चाहिए। यह बात सुरेशानंद शास्त्री निपानिया ने कहीं। वे मल्हारगढ़ में बाबा रामदेवजी के तीन दिवसीय मेले के शुभारंभ पर बोल रहे थे। मेले का शुभारंभ अतिथियों ने फीता काटकर किया। शास्त्री ने कहा कि हम सबको मिलकर समाज की एकता बनी रहे, इस पर चिंतन करना चाहिए। बाबा विवेकानंद ने कहा कि मेले का अर्थ यही है कि हम सब मिल बैठकर हमारे अंदर बैठी हुई बुराई को दूर करें। मेले की पंरपरा हमारे यहां सदियो से चली आ रही है इससे हमारे देश की धर्म संस्कृति और संस्कार जीवित रहते है। इस अवसर पर नगर परिषद की और से दोनो संतो एवं मंदिर पूजारी बक्षुराम वर्मा, महेन्द्र वर्मा, रामप्रसाद आर्य का शॉल- श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया। सभी अतिथियो का भी सम्मान किया गया। दोनो संतो के साथ सुरेश रूपरा अध्यक्ष कृषि उपज मंडी पिपलियामंडी, नाथुलाल मौड़ वरिष्ठ शिक्षक, कन्हैयालाल प्रजापति समाजसेवी, बंशीलाल कसोदनिया, कन्हैयालाल भाना, भंवरलाल गायरी, बगदुदास बैरागी, बाबुलाल तिवारी, कारूलाल पंडियार, प्रकाश माली, नगर परिषद अध्यक्ष दिनेश प्रजापति, मेला समिति अध्यक्ष प्रकाश कछावा, ओमप्रकाश बटवाल,राधेश्याम बैरागी, प्रतापसिंह सौलंकी, मोहनसेन कछावा उपस्थित थे। संचालन धर्मेंन्द्र गेहलोद ने किया। आभार अभिषेक मुजावदिया ने माना।

रामदेवजी का किया गया श्रंगार
ओखा बावजी- मोती बावजी मंदिर परिसर में भगवान रामदेव जी की स्थापना का कार्यक्रम जारी है। सोमवार को भगवान का आकर्षक श्रृंगार किया गया। मंदिर की स्थापना रामदेवजी की चंदा चंदेल की ओर से मंदिर का निर्माण किया गया। इस मौके पर भगवान का श्रृंगार नाटाराम जगदीश पेंटर द्वारा किया।

राम रसोड़े का हुआ समापन
ग्राम मुन्देडी में एक माह से चल रहे राम रसोड़े का समापन हुआ। इस आयोजन मे बाबा रामदेव जाने वाले यात्रियो को रोककर चाय नाश्ता, भोजन व विश्राम व्यवस्था व गोली दवाईया की व्यवस्था भी गामीणजनो की ओर से निशुल्क की गई। वही हर रोज भजन- कीर्तन का भी आयोजन चला। राम रसोड़े का आयोजन चार वर्षो से जारी है।

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