सत्ता पक्ष के पार्षद भी समर्थन में
आमतौर पर देखा जाता है कि पक्ष-विपक्ष की मुद्दों पर अलग-अलग राय होती है, लेकिन सीएमओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव के लिए सम्मेलन बुलाने की मांग को लेकर जब से कांग्रेस पार्षदों ने आवेदन देकर मोर्चा खोला है तब से ही सत्ता पक्ष के पार्षद भी खुलकर तो नहीं लेकिन पर्दे के पीछे कांग्रेस को इस मुद्दे पर समर्थन कर रहे है। सीएमओ की कार्यशैली के खिलाफ विपक्ष के पार्षदों का सत्ता पक्ष के पार्षद भी समर्थन कर रहे है। ऐसी स्थिति में विशेष सम्मेलन में सीएमओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित होने की संभावना भी नपा के गलियारों में जताई जा रही है।
इन मुद्दों पर सीएमओ से खफा है कांग्रेस
सीएमओ से संपर्क करने पर उनका व्यवहार उत्तरदायित्वपूर्ण नहीं होता है। निवार्चित पार्षदों के साथ सम्मानजनत व्यवहार नहीं करती है। साथ ही जनता अपने कामों को लेकर नपा आती है। तो वह उनसे भी नहीं मिलती है। पार्षदों द्वारा नगर के सामान्य विषयों, वार्ड के विकास और जनहित के मुद्दों पर उनका बेरुखी का रवैया होता है। नगर के ज्वलंत मुद्दों पर भी वह गंभीर नहीं है। तैलिया तालाब संरक्षण एवं अतिक्रमण, नपा की भूमियों एवं नालों के संरक्षण एवं अतिक्रमण, नगर के ट्रैफिक, कार्यालयीन काम, नामांतरण, निर्माण अनुमति, सफाई व्यवस्था, उद्यानों के रखरखाव के विषयों पर संपर्क करने पर काम भी नहीं करती है और सहजता से बात भी नहीं करती है। इसके साथ ही जनसुनवाई भी नहीं लेती। जहां लोग अपनी समस्याओं का हल करवा सकें। इन्हीं मुद्दों को लेकर पक्ष-विपक्ष दोनों दल के पार्षद सीएमओ से खफा है।
सीएमओ ने फोन उठाना किया बंद
जब से कांग्रेस पार्षदों ने सीएमओ की कार्यशैली से खफा होकर उनके खिलाफ मोर्चा खोला और निंदा प्रस्ताव को लेकर विशेष सम्मेलन बुलाने की मांग की है। तभी से ही सीएमओ ने फोन उठाना भी बंद कर दिया है। पार्षदों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों व कार्यशैली पर उठाए प्रश्नों पर सीएमओ से उनका पक्ष जानने के लिए पिछले कई दिनों से लगातार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सीएमओ न मोबाईल रिसीव कर रही है और न हीं नपा दफ्तर में उपलब्ध है।
शासन को जाएगा प्रस्ताव
पार्षदों के दिए आवेदन पर अक्टूबर के पहले सप्ताह में विशेष सम्मेलन बुलाया जाएगा। इसमें यदि सीएमओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित होता है तो यह प्रस्ताव शासन को जाएगा। परिषद के सभी पार्षदों के सीएमओ से अंसतुष्ट होने की स्थिति में सीएमओ को यहां से हटाया जाएगा।
-प्रहलाद बंधवार, अध्यक्ष, नपा
फेक्ट फाईल
यह है पार्षदों का गणित
40 पार्षद
22 भाजपा पार्षद
17 कांग्रेस पार्षद
1 निर्दलीय
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