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बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कहीं 3 इंच तो कहीं 7 इंच

locationमंदसौरPublished: Sep 23, 2018 12:58:45 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कहीं 3 इंच तो कहीं 7 इंच

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बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त, कहीं 3 इंच तो कहीं 7 इंच

 

मंदसौर.
जिले सहित अंचल में गत रात करीब 10 बजे से बारिश शुरु हुई। जो शनिवार रात को होती रही। जिले में 24 घंटे में औसत करीब 1 इंच बारिश हुई। इस बारिश के कारण खेतों में खड़ी फसल को कम नुकसान है तो खेतों में कटी फसल को सबसे अधिक नुकसान बताया जा रहा है। खेतों में कटी हुई फसल के लिए जहां किसान को दो गुना मेहनत करना है। वहीं पकी सोयाबीन की फसल के मौसम साफ होने के बाद तेज गर्मी से गिरने की भी चिंता अभी से सताने लगी है। जिले में दो लाख 40 हजार हैक्टेयर में सोयाबीन और ४० हजार हैक्टेयर में उड़द की फसल की बुआई की गई है। तेज बारिश के बाद मल्हारगढ़ में गाडगिल बांध का एक गेट चार बजे खोल दिया गया। वहीं गांधीसागर में पानी का इन फ्लो अभी शुरु नहीं हुआ है। गांधीसागर का जल स्तर 1284.96 है। भूू-अभिलेख कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 22 सितबंर को सबसे अधिक सुवासरा में २९ एमएम, शामगढ़ में 25 एमएम, भानपुरा में २२.०४ एमएम, गरेाठ में 20 एमएम, सीतामऊ में 16 एमएम बारिश हुई है।
जिला मुख्यालय पर रात करीब 12 बजे पानी शुरु हुआ। उसके बाद शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे तेज पानी शुरु हुआ। जो देर रात तक रुक-रुक जारी रहा। शहर में २४ घंटे में करीब पौन दो इंच से बारिश हुई। तेज बारिश के कारण शहर में कई सडक़ों पर पानी बह निकला। जिससे आने जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।


फसल सडऩे की लगी चिंता
दलौदा प्रतिनिधि के अनुसार कई खेतों में किसान सोयाबीन की फसल और उड़द की फसल काटने का कार्य कर रहे थे। कई किसानों ने फसल काट ली है। किसान बंशीलाल राठौर ने कहा कि फसल के कटने का समय है। खेतों में कटी हुई फसल को पानी से बहुत अधिक नुकसान है। कालू शर्मा ने कहा कि दो दिन पहले मौसम साफ था तो सोयाबीन और उड़द काट लिए और अचानक पानी ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। दोनों फसलें गीली हो गई। पानी अधिक गिरने से फसल सडऩे और गलने का नुकसान है।


भैसोदा और आसपास के गांवों में नुकसान
भैंसोदा ग्राम सहित आसपास के क्षेत्र में २४ घ्ंाटे से हो रही बारिश से उड़द, सोयाबीन सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। किसान, कंवर लाल पाटीदार, विनोद पाटीदार, प्रकाश पाटीदार, हरीश विश्वकर्मा सहित कई किसानों ने बताया कि फसलों की कटाई का कार्य जारी है और खेतो में फसले कटी हुई पड़ी है। अचानक बारिश होने से फसले भीग गई कई खेतो से पानी भी बहने लगा है। जिससे फसलो को नुकसान हुआ। अब किसानों को डबल मेहनत करना पड़ेगी। खेताखेड़ा में भी कई किसानों को बारिश के कारण नुकसान हुआ है। सबसे अधिक नुकसान सोयाबीन का बताया जा रहा है। किसान कारुलाल सोलंकी ने बताया ने बताया सोयाबीन की फसल को काट कर सुखने के लिए खेतों में रखी थी। लेकिन बारिश होने की वजह से सोयाबीन सहित अन्य फसल में क्षति हुई है सबसे ज्यादा नुकसान मुख्य फसल सोयाबीन में हुआ। कन्हैयालाल मालवीय ने बताया कि कुछ दिनों पहले सोयाबीन की फसल में पीले रंग का वायर आया जिससे सोयाबीन की फसल जल्दी सुखने लगी। वायर से फसल को नुकसान भी हुआ और अब कटाई कर सोयाबीन की फसल को खेतो मे छोड रखा था बारिश होने से सोयाबीन की फसल को और भी ज्यादा नुकसान हुआ है। लिम्बावास,बांसखेडी,बरूजना,पिरगुराडिया, साबुखेडी, झार्डो,गोपालपूरा के किसान गोपाल सिंह,विजय,रघुनाथ,कारूलाल,बगदीराम,राधेश्याम ने बताया कि १० दिन से लगातार तेज गर्मी से लगभग प्रत्येक किसान के खेत में सोयाबीन कि फसल पूरी तरह से पक चुकी थी ओर उसे बुधवार से काटने लगे थे जिसके चलते कई किसानों ने फसल को काट कर खेतो रखी थी। क्षेत्र में करीब 40प्रतिशत सोयाबीन की फसल कटाई कर दी है लेकिन शनिवार की बारिश की वजह से फसलों को बहुत नुकसान हुआ है।


नगरी से लेकर धुधंडका तक हुआ नुकसान
मिली जानकारी के अनुसार धुँधडक़ा, धमनार, हतुनिया, जोगीखेड़ा, अफजलपुर, कुंचड़ोद सीहोर सहित कई गांवों में शुक्रवार रात्रि ओर शनिवार में जोरदार बारिश से किसानों के खेतों में कटी उड़द, मूंग, चावला की फसल को काफी नुकसान हुआ है। किसान प्रेम गायरी ने बताया कि मूंग उड़द की फसल पर कहर बरपा दिया है । कांतिलाल मेहता ने बताया कि कल ही सोयाबीन की कटाई कराई थी कि आज अचानक भयंकर पानी गिरने से सब दूर खेतो में पानी ही पानी भरा गया। गुलियान के किसान भगवान लाल पटेल ने बताया कि सोयाबीन की फसल खेतो में कटी हुई और जो काटने लायक हो गई है उसमें नुकसान हो गया है। सर्वे करके मुआवजा दिया जाए ।


बारिश से सोयाबीन, उड़द पर आफत
नगरी सहित क्षेत्र के किसान ओमप्रकाश धाकड़, नानालाल धाकड़ का कहना है कि तैयार हो चुकी सोयाबीन की कटाई दो दिन पहले ही की थी। बारिश के बाद अब फसल को सुखाने के लिए अतिरिक्त मेहनत लगेगी। सोयाबीन की ढेरियों को सुखाने के लिए पलटाई करना पड़ेगी। यदि बारिश जल्दी नहीं रूकी तो सोयाबीन के दाने भी खराब हो सकते हैं। पहले तो सोयाबीन में बिमारी के कारण समय से पहले फसल सुख गई।किसानों को नुकसानी का सामना करना पड़ेगा।खेतों में कटे हुए उड़द में भी बारिश से नुकसानी की बात किसान कह रहें है। गांव आकोदडा कि किसान फूलचंद पाटीदार, भैरवनाथ पाटीदार,रामनारायण धनगर सहित अन्य किसानों ने उचित सर्वे कर नुकसान के मुआवजे की मांग की। वही तितरोद में कई खेतों में पानी का भराव हो गया।


इनका कहना
कलेक्टर ओपी श्रीवास्तव ने कहा कि बारिश को लेकर फसलों की नुकसानी को लेकर समीक्षा की जा रही है। उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।
उपसंचालक एएस राठौर जिले में अभी अधिकांश जगह फसलें खड़ी है। उसमें ज्यादा नुकसान नहीं है। कटी फसल में भी अधिक नुकसान नहीं है। बस सोयाबीन का रंग थोड़ा सा काला पड़ जाता है।


फसलों को भारी नुकसान, शीघ्र आंकलन करें
जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष महेंद्रसिंह गुर्जर ने जिला प्रशासन को अवगत कराते हुए कहा कि गत रात्रि से जिले में हो रही तेज बारिश से किसानों की खेतों में खड़ी फसले सोयाबीन ,उड़द आदि को भारी नुकसान हुआ है। जल्दी पकने वाली सोयाबीन, उड़द फसल का कटाई का कार्य भी शुरू होने से किसानों की उड़द, सोयाबीन फसल बड़ी मात्रा में खराब हो गई है। गुर्जर ने जिला प्रशासन से अविलम्ब मांग की है कि इस प्राकृतिक आपदा से किसानों की खराब हुई फसलों के नुकसानी का निष्पक्ष आंकलन करने की त्वरित कार्यवाही शुरू करे ताकि प्रभावित किसानों को फसलबीमा योजना अंतगर्त नुकसानी की भरपाई हो सके।

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