बुधवार सुबह मंडी में फूलों की खेती करने वाले कई किसान एकत्र हो गए और फूलों के भाव कम होने के कारण आक्रोशित थे। किसानों ने भाव न मिलने के कारण मंडी में ही करीब २०० किलो से अधिक फूल फेंककर अपना विरोध दर्ज कराया। किसान सरकार की नीतियों से भी खफा नजर आ रहे थे। किसानों का कहना था कि फूलों की फसल अन्य फसलों से भी अधिक महंगी और मेहनत वाली होती है। सरकार को फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए भी योजना चलाना चाहिए। किसान सरकार की नीतियों का भी विरोध कर रहे थे। किसान दीपक पटेल का कहना है कि बारिश के कारण फूल खराब हो चुके हैं, खेत में भी फसल खराब हो चुकी है। मंडी में आए हैं और फूल खरीदने वाले भी नहीं है, ऐसे में यहीं फेंककर जाना पड़ता है। किसान कारुलाल मीणा का कहना है कि फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए सरकार ने कोई नीति जारी नहीं की है। फूलों की खेती कापुी महंगी है, ऐसे में हमारी लागत भी हमें नहीं मिलती है। गांव से यहां तक फूल लाने का भाड़ा भी नहीं मिल पाता है। किसानों मंगलवार को भी फूल फेंककर अपना विरोध दर्ज कराया था। जबकि बुधवार को किसानों को फूल बेचने के दौरान व्यापारी ही नहीं मिले। इस कारण किसान और अधिक आक्रोशित हो गए और करीब २०० किलों से अधिक फूल मंडी में ही फेंक दिए। मंडी में बुधवार सुबह करीब नगर पालिका का एक कचरा वाहन भरकर फूल एकत्र किए गए थे।