scriptकम उम्र में इनके दिल ने दे दिया इन्हें अचानक धोखा | News | Patrika News

कम उम्र में इनके दिल ने दे दिया इन्हें अचानक धोखा

locationमंदसौरPublished: Sep 29, 2018 02:58:05 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

कम उम्र में इनके दिल ने दे दिया इन्हें अचानक धोखा

patrika

कम उम्र में इनके दिल ने दे दिया इन्हें अचानक धोखा

मंदसौर.
एक दौर था जब दिल की बीमारी बूढ़ापे में होने वाले रोगों में से एक मानी जाती थी, लेकिन बदलती जीवनशैली ने इस सोच को कहीं पीछे छोड़ दिया है। जिले में जनवरी से लेकर सितबंर 28 तक करीब 669 लोगों को ह्दय रोग हुआ है। जिसमें से 14 लोगों की मौत हो गई है। इसमें मरीजों में 65 से 70 फीसदी संख्या 50 या उससे अधिक उम्र के लोगों की है। वहीं 30 से 35 फीसदी वे लोग है जिनकी उम्र 25 से 45 साल के बीच की है। ह्दय रोग की बीमारी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है। आज के समय में हमारी जीवनशैली ही इसका सबसे बड़ा कारण बन रही है। आज वल्र्ड हार्ट-डे है और हमें इस अवसर को जागरूकता के तौर पर लेकर जीवन सुरक्षित करना है। क्योंकि दिल के रोगियों की बढ़ी संख्या कहीं न कहीं हमें सोचने पर मजबूर कर रही है।


पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की होती है सबसे ज्यादा मौत
चिकित्सकों की माने तो दिल की बीमारी पुरुषों में होने वाली बीमारी के रूप में जानी जाती रही है। यह शायद कुछ अध्ययनों से पता लगा है कि महिलाओं में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है। यह ब्लड वेसल को लचीला रखने के लिए जाना जाता हैए ताकि वे आसानी से काम कर सकें और रक्त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करती हैं।


हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण
– हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण छाती के बीच में तेज और दबाव वाला दर्द होना है। जो शरीर के बायीं ओर होता है। खासतौर से बाए हाथ, कमर और दो कंधों के बीच में इसका दर्द होता है। यही नहीं, कई बार दर्द ठोड़ी और जबड़े तक में आ जाता है।
– व्यक्ति को बहुत ज़्यादा पसीना आने लगता है। इस स्थिति को मेडिकल में डाइफरीसिस पसीना के रूप में जाना जाता है। नर्वस सिस्टम के ज़्यादा एक्टिव होने के कारण पसीना आता है। जब व्यक्ति तेज दर्द का अनुभव करता है तो कुछ हार्मोन्स निकलते हैं। ब्लड प्रेशर और हृदय दर ऊपर चली जाती है और इससे पसीना आता है।
– डायबिटीज पीडि़त मामलों में तेज दर्द की बजाय पसीना आना, दिमाग का हल्का लगना और कुछ सेकंड के लिए अंधेरा छा जाना आदि सामान्य लक्ष्ण हैं। सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना और चेतना समझ खो देना कुछ अन्य लक्षण हैं।
– पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और जलन से बैचेनी होती है। जिससे व्यक्ति कई बार एसिडिटी और दिल में चुभन के साथ कंफ्यूज हो जाता है। उबकाई की तेज फीलिंग भी हार्ट अटैक का एक लक्षण हैंए जिसमें व्यक्ति गैस और पाचन की परेशानी में कंफ्यूज हो जाता है।


हार्ट अटैक आने पर बचाव का यह उपाय
डॉक्टरों के मुताबिक हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले मेडिकल हेल्प के लिए कॉल करना चाहिए। क्योंकि कई बार व्यक्ति अपने ही तरीकों से इससे निपटने की कोशिश करता है। जिससे स्थिति और भी खराब हो जाती है। व्यक्ति को सीधा लेटने के लिए कहें और उसके कपड़ों को ढीला कर दें। हवा आने की जगह छोड़ दें और व्यक्ति को कुछ लंबे सांस लेने के लिए कहें। पल्स चेक करें, कलाई की पल्स चेक करने से अच्छा है। गर्दन की साइड की पल्स चेक करें। जब ब्लड प्रेशर कम होता है तो कलाई की पल्स गायब हो सकती है। इसलिए गर्दन की पल्स चेक करना सही रहता है। अगर व्यक्ति को सांस नहीं आ रही तो उसे ऑक्सीजन देने की कोशिश करें। अगर पीडि़त को उबकाई आ रही है तो उसे एक तरफ मुडक़र उल्टी करने को बोलेंए ताकि शरीर के अन्य भागों जैसे लंग्स आदि में न जा सके।


हार्ट अटैक आने यह न करें
दिल की धडक़न जाने बिना थम्पिंग और पंपिग और जबरदस्ती करने से परहेज करना चाहिए। पीडि़त को ऐसे में कुछ खिलाने की कोशिश न करें। एस्प्रिन ब्लड क्लॉट रोकने में मदद करती है। कई डॉक्टर सलाह देते हैं कि एस्प्रिन सभी लोगों के लिए नहीं है, डॉक्टर की बिना सलाह लिए इसे दिया जाए तो यह बहुत हानिकारक हो सकती है। यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि बहुत.सी जान बचाने वाली दवाएं हार्ट अटैक से निपटने में मदद करती हैं, लेकिन उन्हें पहले लक्षण दिखने के एक से दो घंटे के बीच ले लिया जाए इसलिए कई स्थिति में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। शुरुआती लक्षण पहचान कर उस पर काबू पा लेना कई जान बचाने में मदद कर सकता है।


इनका कहना…
बदलती जीवन शैली भी बहुत बड़ा कारण ह्दय रोग का है। जिला अस्पताल में ह्दय रोगियों के लिए बेहतर उपचार की व्यवस्था है। ब्लॉक एज सहित अन्य गंभीर अवस्था में इंदौर एमवायएच रैफर करते है। मंहगी दवाईयां नि:शुल्क है।
डॉ अधीर मिश्रा, सिविल सर्जन जिला अस्पताल।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो