इन मापदंडों पर हुआ था निरीक्षण
जानकारी के अनुसार जिले में १२४५ प्राथमिक विद्यालय और ५८५ माध्यमिक विद्यालय है। इन सभी स्कूलों के निरीक्षण गत वर्ष किए गए थे। निरीक्षण के दौरान स्कूल की गुणवत्ता, उपस्थिति, कितने शिक्षक कार्यरत है, शिक्षकों की उपस्थिति, टाइम से जानकारियां भेजना इसके सहित अन्य मापदंड थे। इन मापदंडों के अनुसार बाहर के शिक्षा अधिकारियों ने जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों का निरीक्षण किया था।
5 और 8 के बच्चों को पढऩे और लिखने में आई थी समस्या
निरीक्षण के दौरान निरीक्षण अधिकारियों के सामने आया था कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में कक्षा पंाचवी और कक्षा आठवी के विद्यार्थियों को पढऩे लिखने में परेशानी आ रही है। यानि कि जिस कक्षा में वे पढ़ रहे है। उससे कम उनमें ज्ञान है। स्कूलों में उपस्थिति भी कम आई थी। इसके अलावा शिक्षकों की स्कूलों में कमी भी निरीक्षणकताओं के सामने आई थी।
दिसबंर माह फिर से निरीक्षण की तैयारी
डीईओ कार्यालय से मिली जानकरी के अनुसार प्राथमिक विद्यालय से लेकर हायरसेंकडरी स्कूल के निरीक्षण इन्ही मापदंडों के आधार पर होना है। इसके लिए अधिकारियों द्वारा दिसबंर माह मेंं निरीक्षण होने की बात कही जा रही है। हांलाकि कई स्कूलों में हालात अभी तक सुधरे नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि जिला पंचायत सीईओ ने कुछ ही दिनों पहले कई स्क्ूलों का निरीक्षण किया था। जिसमें कई कमियां सामने आई थी और उन्होंने दो शिक्षकों को निलङ्क्षबत भी किया था।
इनका कहना….
जिला सहायक परियोजना समन्वयक लोकेद्र डाबी ने बताया कि भोपाल बैठक में प्रजेंटेंंशन के माध्यम से बताया गया था कि प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय प्रदेश में ३६वें नंबर पर है। और हाई और हायरसेंकडरी स्क्ूल दूसरे नंबर पर है। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में व्यवस्थाएं सुधारी जा रही है।