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आयोग की ‘हां’ के बाद मनोरंजन के रास्ते तो खुले, लेकिन अभी कई चुनौतियां बाकी

locationमंदसौरPublished: Nov 13, 2018 01:45:50 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

आयोग की ‘हां’ के बाद मनोरंजन के रास्ते तो खुले, लेकिन अभी कई चुनौतियां बाकी

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आयोग की ‘हां’ के बाद मनोरंजन के रास्ते तो खुले, लेकिन अभी कई चुनौतियां बाकी


– आयोग ने दी मेले की अनुमति, अब तैयारियां पकड़ेगी जोर
– निर्वाचन के तीन दिन रखना होगा बंद, एक सप्ताह में करना है मेले की तैयारियां
फोटो एमएन १३०४ पशुपतिनाथ मंदिर पर लगने वाले मेले के लिए आने लगे झुले-चकरी।
फोटो एमएन १३०५ मेले में आने वाले लोगों को इस प्रकार प्रदूषित हो रही शिवना से उठ रही दुर्गंध का करना पड़ेगा सामना।
मंदसौर.
19 नवंबर से 8 दिसबंर तक कार्तिक पूर्णमा के अवसर पर भगवान पशुपतिनाथ पर लगने वाले मेले को लेकर निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद छाए काले बादल तो साफ हो गए, लेकिन अभी मेला लगाने के लिए नपा के सामने कई चुनौतियां बनी हुई है। एक सप्ताह के बचे समय में विद्युतीकरण से लेकर टेंट से लेकर पेयजल, पार्किंग से लेकर दुकान-होटल के लिए भूखंड आवंटन के साथ ही होने वाले आयोजन के साथ अन्य कई काम पूरी किए जाना बाकी है। हालंाकि अभी से ही व्यवसायी व झुले-चकरी तो यहां पहुंचने लगे है और ग्राउंड में सफाई का काम भी शुरु हो गया है। हालांकि नपा प्रशासन तय समय में सबकुछ तैयारियां पूरी करने का दावा कर रहा है। निर्वाचन के समय २६ से लेकर २८ नवंबर तक २० दिनी मेले में अवकाश रखना पड़ेगा। पूर्व में २०१३ में हुए विधानसभा चुनाव के समय भी आयोग की अनुमति के बाद मेला लगा था।


एक सप्ताह में तैयारियंा करना बना चुनौती
इस बार विधानसभा चुनाव को लेकर पहले से ही आचार संहिता का अंदेशा था, बावजूद नपा ने पहले से तैयारी नहीं की। फिर मामला आयोग के पास अनुमति को लेकर पहुंचा। अनुमति मिली तो सही लेकिन बहुत देरी से अब नपा के सामने एक सप्ताह में मेले को लगाने के लिए सभी इंतजाम करने की बड़ी चुनौती है। मेला लगाने को लेकर यहां आने वाले समस्त आधारभूत कामों को समय से पहले पूरा करना और मेला लगाना अब अनुमति मिलने के बाद नपा के लिए चुनौती बन गया है। हालांकि आचार संहिता को देखते हुए नपा ने मेले में कोई बड़े आयोजन तो नहीं बनाए, लेकिन 50 से अधिक सालों से चली आ रही परंपरा के तहत मेला लगाया जा रहा है।


प्रदूषित शिवना की दुर्गंध करेगी परेशान
शिवना नदी में डाला जा रहा कचरा और नदी में मिल रहे नाले हर दिन शिवना को प्रदूषित करने का काम कर रहे है। ऐसे में बारिश के बाद रोका गया पानी अब तक पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है। शिवना के आसपास क्षेत्र से गुजरने वाले लोगों को इससे निकलने वाली दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यहां लगने वाले मेले में २० दिनों में आने वाले लाखों लोगों को इस दुर्गंध से परेशान होना पड़ेगा। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर यहां लगने वाले मेले के साथ शिवना और पशुपतिनाथ महादेव का भी विशेष संयोग है, बावजूद प्रदूषित शिवना के हालात जस के तस बने हुए है।


कार्यक्रम नहीं होंगे, बाकी के टैंडर जारी हो गए
इस बार मेले में कोई बड़े आयोजन नहीं होगें। मेले में बजट को लेकर करीब ६० लाख का बजट है। भूखंड आवंटन से लेकर लाईटिंग व अन्य आधारभूत कामों को लेकर टैंडर जारी किए जा चुके है। आयोग की अनुमति के बाद अब तैयारियां चल रही है। तय समय पर सभी काम पूरे कर लिए जाएंगे।
– सविता प्रधान गौड़, सीएमओ
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