मंदसौर

अपने ही अपनो को देते है धोखा, यही है कडवा सत्य

अपने ही अपनो को देते है धोखा, यही है कडवा सत्य

मंदसौरJan 12, 2019 / 09:49 pm

harinath dwivedi

अपने ही अपनो को देते है धोखा, यही है कडवा सत्य

मंदसौर.
पशुपतिनाथ मंदिर परिसर चंदरपुरा क्षेत्र में चल रही कमलकिशोर नागर की भागवत कथा का समापन शनिवार को हुआ। अंतिम दिन कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। नागर ने कहा कि सात दिन तक अटूट भक्ति भाव से कथा का श्रवण कर रहे है। आना और जाना तो संसार का कटू सत्य है। श्रीहरी बिछडाता है तो कहीं न कहीं मिलन भी करवा देता है।


हमारा देश ऋषि- मुनियों का देश है
नागर ने कथा में कृष्ण की विभिन्न लीलाओं, देश के वर्तमान हालातों, गृहस्थ जीवन में मच रहे घमासान, भारतीय सेना, दहेजप्रथा और देश में फैल रही कुरीतयों, रहन-सहन और पहनावा, धर्म के प्रति खंड होती आस्था, माता-पिता पूत्र और पूत्रवधू का आचरण, कुटुम्ब और अपनो से बेर सहित ज्वलंत मुद्दों पर लोगों को मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि हम भारतीय है भारत ऋषि मुनियों का देश है। यहां भगवान ने जन्म लिया है। राम ने मर्यादा में रहकर जीवन जीना सिखाया है। कृष्ण ने प्रेम सुधा बरसाई है। ऐसी महान भूमि हमारे देश की है।


जिससे ज्ञान मिले वहीं गुरू बनाओ
नागर ने कथा में कहा कि जीवन पथ पर साधू, संत, बालक, वृद्ध, कन्या, स्त्री जिससे भी जहां भी ज्ञान मिलें। उसे गुरु बना लो। जिससे ज्ञान, गुण और कला मिले चाहे वो छोटा हो या बडा वह कल्याण का मंत्र देता है। पांच वर्ष के बच्चे प्रहलाद ने राक्षसराजा के यहां जन्म लिया चारों ओर राक्षस राज था फिर भी उस बालक ने भक्ति की शक्ति से नारायण को प्रकट कर दिया और युग परिवर्तन कर दिया।


अपने ही अपनो को धोखा देते है यही कडवा सत्य है
नागर ने कहा कि जीवन में किसी ओर से घात मिले ना मिले लेकिन अपनो से जरूर मिलेगी क्योकि अगर राम से वनवास का कारण पूछा जाएं तो उसके पीछे उनके अपने थे। कृष्ण पर मणी चोरी का आरोप लगा कारण पूछेंगे तो अपने ही थे। जीवन में दूसरो से ज्यादा क्षति तो अपने ही पहुंचाते है। नागर ने कहा कि धन दो प्रकार का होता है एक अंधा और एक आंख वाला अंधा धन लक्ष्मी देती है और आंख वाला धन मां सरस्वती देती है। अंधा धन चोरी, डाका अनीति से पाया जाता है और आंख वाला धन कडी मेहनत से पाया जाता है।


मां घरो में कम वृद्धाश्रम में ज्यादा मिलती है
जिसे देखों पत्नी और एक प्रेमिका रखता है। जब एक पटरी पर दो ट्रेने एक साथ नहीं चल सकती, एक म्यान में दो तलवारे साथ नहीं रह सकती तो जीवन में दो स्त्रियों से मिलन का चलन आने वाली पीढी को कहां ले जाएगा। तुम्हारे पापों के कारण तो आज मां घरंों में नहीं मिलती वह वृद्धाश्रम में ज्यादा मिलती है। उन्होंने कहा कि पचास लाख की गाडी, करोडपति के घर की लाडी और मन्नतो का पूत्र भी आपने पाया और वो आपके कहने में नहीं तो एक बात ध्यान में रख लेना तुम्हारे जैसे दूर्भागी के लिए तो यहीं नरक है।

Home / Mandsaur / अपने ही अपनो को देते है धोखा, यही है कडवा सत्य

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.