scriptदेश को सही दिशा देने के लिए स्वयं को करना होगा अधिक परिष्कृत- किसने कहीं यह बात | News | Patrika News

देश को सही दिशा देने के लिए स्वयं को करना होगा अधिक परिष्कृत- किसने कहीं यह बात

locationमंदसौरPublished: Jan 14, 2019 09:02:39 pm

Submitted by:

Rahul Patel

देश को सही दिशा देने के लिए स्वयं को करना होगा अधिक परिष्कृत- किसने कहीं यह बात

patrika

देश को सही दिशा देने के लिए स्वयं को करना होगा अधिक परिष्कृत- किसने कहीं यह बात

मन्दसौर.
यदि आप में संस्कार नहीं हैं तो आप ब्राह््मण नहीं है। उच्च संस्कारों के कारण ही ब्राह्मण को पूज्य माना गया। ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ तथा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का पूरे संसार को संदेश देने वाला, अपने आचरण को महत्व देने वाला, सबको साथ लेकर चलने वाला, प्रकृति की पूजा करने व प्रकृति को ही सबसे बड़ा धर्म मानने वाला मानवीय मूल्यों का पुरोधा ब्राह्मण है। आज देश को सही दिशा देने के लिए हमें अपने आप को और अधिक परिष्कृत करने की आवश्यकता है। यह बात लेखक व सामाजिक उत्प्रेरक डॉ. लखन शर्मा (कोटा) ने कहीं। वे ‘ब्रह्म परिषद्’ द्वारा आयोजित सर्व ब्राह्मण समाज के ब्रह्म सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतवश् ‘ब्रह्म सम्मेलन’ में ‘वर्तमान परिस्थितियां एवम् ब्राह्मणत्व का महत्व’ विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। डॉ. शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार हीरे व कोयले में, गंगा व अन्य नदियों में, तुलसी व अन्य पौधें में, गाय व अन्य पशुओं में, मेधावी बालक व अन्य बालकों में अन्तर होता है। यही स्थिति मनुष्य में भी है। ब्राह्मण का निर्माण कोई सरकार नहीं करती है बल्कि ईश्वर करता है। उन्होंने कहा कि वेद रटने की चीज नहीं है। उसमें समाहित अथाह ज्ञान को ब्राह्मण अंगीकार करें व उससे पूरे संसार को प्रकाशित करें। डॉ. शर्मा ने कहा कि इतिहास इस बात का साक्षी है कि ब्राह्मण मानवता व राष्ट्वाद का पोषक रहा है। इस अवसर पर विवाह योग्य युवक-युवती की जानकारी वाली मालवा-मेवाड़ की प्रतिष्ठित ‘ब्रह्म परिचय पत्रिका’ का भी विमोचन किया गया। ब्रह्म सम्मेलन में सामाजिक योगदान के लिए कृष्णगोपाल शर्मा (शिक्षाविद्), रूपनारायण जोशी (पूर्व तहसीलदार) व गोपालकृष्ण शर्मा (अभिभाषक एवं पूर्व जिला निर्वाचन पर्यवेक्षक) को सम्मानित किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ रवि व्यास (गांधीसागर), ऋतम्भरा व सूर्या शर्मा (देहरी), सच्चिदानंद द्विवेदी व संस्कृत विद्यालय के बटुकों द्वारा वेद मंत्रोच्चार के साथ किया गया। भगवती जोशी ने देशभक्ति गीत गाया। ब्रह्म सम्मेलन में मालवा-मेवाड़ क्षेत्र महिला-पुरुष व युवाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। संचालन संस्थापक गोपालकृष्ण पंचारिया ने किया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो