गिल्ली-डंडे में खूब आजमाया जोर
शहर के पीजी कॉलेज, नूतन स्कूल, बालागंज, उत्कृष्ठ विद्यालय मैदान, पशुपतिनाथ मंदिर क्षेत्र सहित कई मैदानों पर सुबह से बच्चों और युवाओं की टोलियां गिल्ली-डंडे के खेल में व्यस्त हो गईं। इसके अलावा संजीत नाका क्षेत्र, नाहर सय्यद क्षेत्र, अभिनंदन कॉलोनी क्षेत्र व शहर की गली-मोहल्लों में भी दिनभर गिल्ली-डंडे की बाजियां चलती रहीं। खेल के शौकीन ५० से ८० रूपए तक की गिल्ली-डंडे की जोड़ खरीदते नजर आए। हार-जीत की शर्त भी लगी। गली-मोहल्लों में दोपहर से युवतियों और महिलाओं की टोलियों ने भी गिल्ली- डंडे खेल का लुत्फ लिया।
काट है, का गूजंता रहा शोर
शहर के जनकुपुरा, जीवागंज, गोल चौराहा, नई आबादी, स्टेशन रोड सहित लगभग सभी मोहल्लों में सुबह से ही पतंगबाज घर की छतों पर मोर्चा संभाले नजर आए। पतंगों के पेंच उलझते रहें। जैसे ही कोई पतंग कटती, रह-रह कर छतों से शोर गूंजता-ओ…काट है। उधर पतंग लूटने वाली टोलियां भी सडक़ों पर सक्रिय नजर आई। जैसे ही कोई पतंग कटती, पतंग लूटने वालों की टोलियां दौड़ पड़ती। नयापुरा रोड, रामटेकरी, तैलिया तालाब क्षेत्र में पतंगबाजी के लिए सुबह से ही युवा एकत्र होने लगे थे।
मंदिरों में रही भीड़, पशुओं को खिलाया चारा
शिवना तट स्थित भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमडऩा शुरू हो गई। भक्तों ने भगवान की पूजा-अर्चना कर नेवैद्य अर्पित किया। इसके अलावा गुंदेश्वर महादेव मंदिर, बडक़ेश्वर महादेव मंदिर सहित नई आबादी, जनता कॉलोनी, खानपुरा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही। भक्तों ने मंदिर क्षेत्र में कई गरीब और याचकों को अन्न-वस्त्र दान किए। शहर के गांधी चौराहा, शुक्ला चौक, खानपुरा, जीवागंज, प्रताप बस स्टेंड, नेहरू बस स्टेंड क्षेत्र सहित कई जगह लोगों ने पशुओं को चारा दान किया। इसके अलावा नई आबादी, संजीत नाका, सीतामऊ फाटक क्षेत्र में भी लोगों ने मकर संक्रंाति पर पशुओं को गुड़-लाप्सी के साथ चारा खिलाया।
घर-घर बना खिचड़ा व तिल मिष्ठान्न
मकर संक्रांति पर्व पर घर-घर गेहूं का खिचड़ा बनाया गया। इसके अलावा तिल के लडड़ू और तिल पपड़ी के मिष्ठान्न भी बनाए गए। कई शौकीनों ने बाजार की रेवड़ी-गजक का भी भोग लगाया। लोगों ने एक-दूजे को मकर संक्रांति पर्व की बधाईयों का इन्हीं मिष्ठान्नों के साथ आदान-प्रदान किया।