मिली जानकारी के अनुसार ग्राम जैतपुरा के ग्रामीण मदनसिंह, बंटी, जितेंद्र पाटीदार, हेमंत पाटीदार, परमेश्वर पाटीदार, दशरथ ने बताया कि ग्राम अमरपुरा निवासी गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा होने के बाद पति के साथ चिकित्सालय जा रही थी। इससे पहले वह 108 एंबुलेंस के लिए फोन भी लगा चुके थे पर इंतजार के बाद भी नहीं आई तो पिकअप से पिपलियामंडी के लिए निकले। ग्राम जैतपुरा में हनुमान मंदिर के समीप प्रसव पीड़ा बढ़ गई। तो महिला को वहीं उतारना पड़ा। मंदिर पुजारी आदेश बैरागी उनकी माताजी, आशा कार्यकर्ता शांता पोरवाल, धापूबाई सौलंकी, ज्ञानू धनगर, भगतदास बैरागी ने सक्रियता दिखाते हुए पाल व कपड़ों की व्यवस्था की। इसके बाद आशा कार्यकर्ता दाई मां व अन्य महिलाओं ने पाल की आड़ में प्रसूति कराई। महिला ने स्वस्थ बालक को जन्म दिया। इस दौरान भी लगातार 108 एंबुलेंस के लिए फोन लगाते रहे पर एंबुलेंस पहुंची ही नहीं। जैतपुरा की आशा कार्यकर्ता, दाई मां व अन्य महिलाओं की सतर्कता व जागरूकता से जच्चा-बच्चा दोनों को निजी वाहन से मल्हारगढ़ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया।
महिला के पति ने बताया कि गुरूवार सुबह से ही पत्नी को ग्राम अमरपुरा से ही 108 एंबुलेंस के लिए काल कर रहे थे पर नहीं आई। इसके चलते एक पिकअप से पिपलियामंडी अस्पताल आ रहे थे। तभी प्रसव पीड़ा बढऩे लगी तो गर्भवती महिला को जेतपुरा में ही उतारना पडा। थोड़ी देर में प्रसव पीड़ा और बढऩे लगी तो ग्रामीणों ने जैतपुरा की आशा कार्यकर्ता, दाई मां सहित अन्य महिलाओं को बुलवा लिया और सड़क किनारे ही पाल से अस्थायी व्यवस्था कर प्रसूति करा दी।