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ओपीडी में डॉक्टर रहे मौजूद, मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

locationमंदसौरPublished: Sep 28, 2018 02:49:58 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

ओपीडी में डॉक्टर रहे मौजूद, मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

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ओपीडी में डॉक्टर रहे मौजूद, मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा

मंदसौर.
बदलते मौसम के साथ जहां बीमारियां अपना डेरा जमा रही है, वहीं जिला असपताल में भी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर लिया गया है। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गुरुवार को लगभग अधिकांश डॉक्टर ओपीडी में उपस्थित होकर मरीजों का परीक्षण कर रहे थे और मरीजों को दवाईयां वितरित की जा रही थी। वहीं मरीजों का कहना था कि डॉक्टर्स द्वारा लिखी गई अधिकांश दवाईयां जिला अस्पताल से ही प्राप्त हो रही है। गुरुवार शाम ओपीडी में 6 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे थे।
ओपीडी खुलने का समय सुबह 8 से 1 बजे तक व शाम को 5 से 6 बजे तक है। गुरुवार को इस समय में सभी डॉक्टर यहां उपस्थित थे। इनमें एएनसी, सर्जिकल, मेडिसिन, आर्थोपेडिक, शिशु रोग, ईएनटी आदि रोगों के मरीजों की जांच की जा रही थी।


प्रतिदिन १००० से अधिक मरीज पहुंचते हैं ओपीडी में
अस्पताल से मिले आंकड़ों के अनुसार ओपीडी में प्रतिदिन 1000 से अधिक मरीज पहुंचते हैं। इनमें उक्त बीमारियों के अलावा दांत रोग, आंखों के रोग, मानसिक रोग, जनरल ओपीडी, आपातकालीन अथवा एमएलसी के मरीजों की संख्या भी शामिल है। ओपीडी से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 25 सितंबर को मरीजों की कुल संख्या 1145 थी। इनमें सर्वाधिक संख्या जनरल ओपीडी के मरीजों की 370 और एमएससी के मरीजों की संख्या २२३ थी। इसी प्रकार 26 सितंबर को मरीजों की संख्या 1219 जनरल ओपीडी के मरीजों की संख्या 345 व एमएलसी मरीजों की संख्या २३६ थी। वहीं 27 सितंबर को मरीजों की कुल संख्या 1172 व जनरल ओपीडी मरीजों की संख्या 344 व एमएलसी मरीजों की संख्या 202 थी।


पर्याप्त मात्रा में मौजूद है दवाईयां
जिला अस्पताल के दवा केंद्र पर करीब 350 प्रकार की दवाईयां व सीएमएचओ स्टॉल पर करीब 307 प्रकार की दवाईयां मौजूद है। दवा केंद्र पर खड़े मरीजों ने चर्चा में बताया कि डॉक्टर्स द्वारा लिखी जाने वाली लगभग सभी प्रकार की दवाईयां यहां से मिल जाती है। उन्हें कभी भी बाहर से दवा लेकर नहीं आना पड़ी है। वहीं आर्थो वार्ड में भर्ती मरीजों का कहना था कि डॉक्टर्स समय पर राउंड के लिए आते हैं और वैसे नर्स हमेशा वार्ड में रहती है, इसलिए बहुत अधिक परेशानी नहीं होती है।


इनका कहना
मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डॉक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे ओपीडी में रहकर सेवाएं दे। आपातकालीन स्थिति में डॉक्टर को कॉल कर बुलाया भी जाता है। वहीं अब तक दवाईयों के संबंध में उन्हें कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। ऑनलाइन होने के कारण दवाएं कम होने पर उनकी पूर्ति तत्काल हो भी जाती है।
एके मिश्रा, सिविल सर्जन

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