प्रमुख कृषि वैज्ञानिक डॉ जीएन पांडेय ने बताया कि लहसुन, धनिया, मैथी, गेहूं, चना, सरसो, राई और रायड़ा के लिए यह बारिश अमृत का काम करेगी। बारिश से अच्छी नमी हो गईहै। यदि एक-दो दिन में ओर बारिश या बूंदाबांदी हुई तो फसलो को बहुत ही फायदा मिलेगा। जिन क्षेत्रो में मसलन मंदसौर, दलौदा तहसील में पानी की कमी के चलते किसानों को इस बारिश की वजह से अब कम से कम एक सिंचाई कम करना पड़ेगी। बारिश से फसलों की बढ़वार भी तेज होगी। जहां गेहूं, चने जैसे फसलों का अंकुरण आधा- अधूरा हुआ है, वहां भी इस बारिश के कारण अंकुरण होगा। जो किसान अभी बुवाई कर रहे है, उनके लिए भी वर्षा फायदेमंद है।
मंगलवार की सुबह से रात तक बारिश व बूंदाबंादी होती रही। आसमान में काले घने बादल के साथ ठंडी हवा चलने से शीत प्रकोप हो गया। सुबह से ही लोग गर्म वस्त्रों में लिपटे रहे। बाजारों में भी अपेक्षाकृत आवाजाही कम थी। वहंी व्यापार-व्यवसाय भी मंदा रहा। स्कूलों में भी बच्चों की उपस्थिति कम थी। हालांकि शासकीय विभागों में रोजमर्राके काम हुए पर कृषि उपज मंडी में बारिश से किसान परेशान रहे। हालांकि बारिश आवक में कोईकमी नहीं हुई। शहर की कृषि उपज मंडी में पर्याप्त शेड होने के कारण ज्यादातर किसानों की फसलें सुरक्षित रही। मंगलवार को सोयाबीन ६ हजार बोरी, लहसुन १६ हजार बोरी, प्याज ६ हजार बोरी की आवक हुई।