सीतामऊ फाटक ओवरब्रिज पर रतलाम रुट को हरी झंडी मिल गई है, परंतु सीतामऊ रुट का कार्य अब तक रेलवे की लेट लतीफी के कारण अब तक अटका पड़ा है। रतलाम रुट पर ३१ जुलाई को यातायात प्रारंभ हो जाएगा। वहीं रेलवे का कार्य अधुरा रहने के कारण सीतामऊ मार्ग के लिए अभी और भी इंतजार करना पड़ेगा।
पिछले तीन सालों से सीतामऊ फाटक पर चल रहे टी-आकार के ओवरब्रिज निर्माण का प्रोजेक्ट में रतलाम रुट के यातायात को हरी झंडी मिल चुकी है। रतलाम-मंदसौर की ओर तो ब्रिज पूरा हो चुका है, लेकिन सीतामऊ की ओर जाने वली टी का काम रेलवे के कारण अब तक अधुरा पड़ा है। ब्रिज पर अधुरे हिस्से को छोड़ प्रशासन ने रतलाम-मंदसौर की ओर ट्रैफिक शुरु करने पर सहमति दे दी है और ३१ जुलाई को इस हिस्से पर यातायात प्रारंभ कर दिया जाएगा।
ब्रिज के प्रोजेक्ट में रेलवे बना रोड़ा
रेलवे के ६० मीटर के हिस्से में काम नहीं होना इस ४४ करोड़ की सौगात में रोड़ा बन गई है। अंतिम चरणों में आकर करोड़ों का यह प्रोजेक्ट रेंग रहा है। १२०० मीटर के इस ब्रिज के प्रोजेक्ट के पूरा होने में रेलवे ही रोड़ा बना हुआ है। हर कोई यही कह रहा है कि यह हिस्सा रेलवे को बनाना है और उनके बनाने के बाद यह काम पूरा होगा। रेलवे की लेटलतीफी और लापरवाही के बीच जिला प्रशासन ने पूर्ण हो चुके हिस्सें में ट्रैफिक शुरु करवाने की तैयारी कर ली है। जो जुलाई से शुरु हो जाएगा, लेकिन सीतामऊ सहित इस क्षेत्र की अन्य तहसीलों की और आवाजाही करने वाले लोगों को अभी शिवना की छोटी पुलिया के समीप बने वैकल्पिक मार्ग से ही आना-जाना पडेगा।
जिले के अहम हिस्से को जोड़ता है यह मार्ग
शहर में प्रवेश करने से पहले सीमामऊ फाटक वाला क्षेत्र जिले के अहम हिस्से को मंदसौर से जोड़ता है। इसमें सीतामऊ के साथ ही गरोठ, भानपुरा, शामगढ़, सुवासरा तहसील मुख्यालय है तथा इन तहसीलों के ५५० से अधिक गांव शामिल है।
इनका कहना
रतलाम मंदसौर मार्ग पर यातायात ३१ जुलाई से प्रारंभ कर दिया जाएगा। ब्रिज की टी का कार्य रेलवे को पूरा करना है, जब वे कार्य पूर्ण कर देंगे उस पर भी यातायात प्रारंभ कर दिया जाएगा।
प्रवीण नरवरे, एसडीओ सेतु विभाग