आवासी इलाको की बस्ती पूरी तरह जलमग्न होकर मकान भी आधे से अधिक तक डूब जाते है। ऐसे इलाको से पानी को बाहर छोडऩे के लिए जलसंसाधन विभाग के माध्यम से पंप लगा रखे है, लेकिन मानसून की दस्तक के बीच अब तक इनकी सुध किसी ने नहीं ली है। आलम तो यह है कि न तो इन पंप हाऊस पर हर बार की तरह इस बार स्टॉफ पहुंचा है और न हीं इनका मेटनेंस हो पाया है। विभाग उदासीन बना हुआ है और यह मामला विभागों में ही उलझा हुआ है। बजट का रोना रोकर विभाग शहर के लिए जरुरी इस काम को भी पूरा नहीं कर रहा है और बारिश आ चुकी है। यदी यही स्थिति रही तो फिर से यह क्षेत्र तालाब बन जाएंगे।
26 पंपों को है मेटनेंस का इंतजार धुलकोट क्षेत्र में लगे है 6 पंप और किलानाला बांध के समीप लगे है 20 पंप है। कुल 26 पंप लगे है। जो बारिश में रहवासी इलाको में भरने वाले पानी को बाहर करने का काम करते है, लेकिन अभी ये पंप ही खराब है और अब तक मेंटनेंस भी नहीं हुआ। मानसून पूर्व इन तमाम संसाधनों व उपकरणों का मेटनेंस किया जाना होता है, लेकिन इस बार नहीं हुआ। धुलकोट क्षेत्र में लगे 6 पंपों पर पहुंचकर देखा तो वहा सिर्फ एक व्यक्ति मौजूद था। जिसका कहना था कि स्टॉफ तो आना चाहिए, लेकिन भी आया नहीं और इसका मेटनेंस भी नहीं हुआ है और न ही मेटनेंस के लिए टैंडर हुए है।
कई बार लगा चुका हूं फोन बारिश के दौर में शहर के लिए इन पंपों का चालू होना बहुत जरुरी है। जलसंसाधन विभाग के पास इनकी जवाबदारी है। कई बार विभागीय अधिकारियों को फोन लगा चुका हुं, लेकिन बजट नहीं होने की बात कही जाती है। यह भी कहा कि अधिक बारिश में रहवासी क्षेत्र डूबने की स्थिति में आ जाते है, इसलिए यह जरुरी है, फिर भी इस पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
– प्रहलाद बंधवार, अध्यक्ष, नपा, मंदसौर
– प्रहलाद बंधवार, अध्यक्ष, नपा, मंदसौर
प्राक्कलन बनाकर भेजा है
पंप हाऊस को नपा के हैंडओवर करने के लिए प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। पंपों के मेटनेंस को लेकर प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा है। अभी कोई जवाब आया नहीं है। नपा के हैंडओवर हुआ तो वह करेंगे नहीं तो विभाग से मंजूरी आने के बाद मेटनेंस करवाएंगे।
-एसएम पाल्डे, ईएनएम विंग, सब इंजीनियर, मंदसौर
पंप हाऊस को नपा के हैंडओवर करने के लिए प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। पंपों के मेटनेंस को लेकर प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा है। अभी कोई जवाब आया नहीं है। नपा के हैंडओवर हुआ तो वह करेंगे नहीं तो विभाग से मंजूरी आने के बाद मेटनेंस करवाएंगे।
-एसएम पाल्डे, ईएनएम विंग, सब इंजीनियर, मंदसौर