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बारिश आते ही याद आने लगा पिछले सालों का मंजर

locationमंदसौरPublished: Jun 13, 2018 11:52:40 am

Submitted by:

harinath dwivedi

ऐसे ही हालात रहे तो डूब की जद में आ जाएंगे हजारों लोग

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बारिश आते ही याद आने लगा पिछले सालों का मंजर

मंदसौर.
मानसून ने दस्तक दे दी है। किसानों से लेकर हर वर्ग को बारिश का इंतजार है, वहीं शहर में ऐसी कई बस्तियां है, जहां रहने वाले लोगो के मन में फिर से पिछले सालों का बारिश के चलते तबाही वाला मंजर उनके जेहन में ताजा हो गए है। बारिश के उस दौर में बच्चों से लेकर बुजर्ग को भी संभालना मुश्किल हो रहा था। घर के सामान से लेकर राशन और कपड़ो से लेकर बिस्तर तक बारिश ने भीगो दिए थे। यहां तक की पूरे के पूरे घर स्वीमिंग पुल बन गए और सड़क तालाब। जहां पर नाव चलती देखी और बारिश से भरने वाले पानी ने क्षेत्रवासियों का जनजीवन ही अस्त-व्यस्त कर दिया था। तीन से चार दिन तक पानी जमा रहा और भूख से बच्चे बिलख रहे थे। जिन परिवारो ने वह झेला है, उनके मन में फिर से वही यादें ताजा हो गई और मौसम विभाग की इस बार भारी बारिश की चेतावनी ने इनकी चिंता फिर बढ़ा दी है। बावजूद इसके अब तक बस्तियों से पानी बाहर निकालने के लिए लगे पंपों का अब तक मेटनेंंस तक नहीं हुआ। आमलोगों की चिंता के बीच लापरवाह बना विभाग बजट का रोना रो रहा है। लोगो के मन में चिंता है कि यदि ऐसे हीहालात रहे तो हजारों लोग डूब की जद में आ जाएंगे।

आवासी इलाको की बस्ती पूरी तरह जलमग्न होकर मकान भी आधे से अधिक तक डूब जाते है। ऐसे इलाको से पानी को बाहर छोडऩे के लिए जलसंसाधन विभाग के माध्यम से पंप लगा रखे है, लेकिन मानसून की दस्तक के बीच अब तक इनकी सुध किसी ने नहीं ली है। आलम तो यह है कि न तो इन पंप हाऊस पर हर बार की तरह इस बार स्टॉफ पहुंचा है और न हीं इनका मेटनेंस हो पाया है। विभाग उदासीन बना हुआ है और यह मामला विभागों में ही उलझा हुआ है। बजट का रोना रोकर विभाग शहर के लिए जरुरी इस काम को भी पूरा नहीं कर रहा है और बारिश आ चुकी है। यदी यही स्थिति रही तो फिर से यह क्षेत्र तालाब बन जाएंगे।
26 पंपों को है मेटनेंस का इंतजार

धुलकोट क्षेत्र में लगे है 6 पंप और किलानाला बांध के समीप लगे है 20 पंप है। कुल 26 पंप लगे है। जो बारिश में रहवासी इलाको में भरने वाले पानी को बाहर करने का काम करते है, लेकिन अभी ये पंप ही खराब है और अब तक मेंटनेंस भी नहीं हुआ। मानसून पूर्व इन तमाम संसाधनों व उपकरणों का मेटनेंस किया जाना होता है, लेकिन इस बार नहीं हुआ। धुलकोट क्षेत्र में लगे 6 पंपों पर पहुंचकर देखा तो वहा सिर्फ एक व्यक्ति मौजूद था। जिसका कहना था कि स्टॉफ तो आना चाहिए, लेकिन भी आया नहीं और इसका मेटनेंस भी नहीं हुआ है और न ही मेटनेंस के लिए टैंडर हुए है।
कई बार लगा चुका हूं फोन

बारिश के दौर में शहर के लिए इन पंपों का चालू होना बहुत जरुरी है। जलसंसाधन विभाग के पास इनकी जवाबदारी है। कई बार विभागीय अधिकारियों को फोन लगा चुका हुं, लेकिन बजट नहीं होने की बात कही जाती है। यह भी कहा कि अधिक बारिश में रहवासी क्षेत्र डूबने की स्थिति में आ जाते है, इसलिए यह जरुरी है, फिर भी इस पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
– प्रहलाद बंधवार, अध्यक्ष, नपा, मंदसौर
प्राक्कलन बनाकर भेजा है
पंप हाऊस को नपा के हैंडओवर करने के लिए प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। पंपों के मेटनेंस को लेकर प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेजा है। अभी कोई जवाब आया नहीं है। नपा के हैंडओवर हुआ तो वह करेंगे नहीं तो विभाग से मंजूरी आने के बाद मेटनेंस करवाएंगे।
-एसएम पाल्डे, ईएनएम विंग, सब इंजीनियर, मंदसौर

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