मंदसौर

16 सतियों की महिमा का हुआ गुणानुवाद

16 सतियों की महिमा का हुआ गुणानुवाद

मंदसौरOct 28, 2018 / 05:15 pm

harinath dwivedi

16 सतियों की महिमा का हुआ गुणानुवाद

मंदसौर । रविवार को साध्वी अर्हमव्रता मसा की शिष्या साध्वी अर्पणव्रता मसा के सिद्ध तप की तपस्या पूर्ण होने के उपलक्ष्य में चल समारोह निकाला गया। गणिवर्य प्रसन्नचंद्रसागर की प्रेरणा व निश्रा में यह चल समारोह नयापुरा रोड स्थित अशोक जैन परिवार के निवास स्थान से निकाला गया। इस चल समारोह में सैकडो की संख्या में जैन पोरवाल श्वेताम्बर समाज के मानुभाव व माता बहने शामिल हुए। बैंड बाजे के साथ निकले इस चल समारोह में साध्वी अर्पणव्रता मसा जिन्होने 45 दिवसीय सिद्धी तप की तपस्या की है। उनको पालकी में विराजित किया गया। श्राविकाओं ने अपने कंधो पर साध्वी की पालकी उठाई और पूरे चल समारोह के मार्ग में उनका जयकारे लगाये। यह चल समारोह नपापुरा रोड से प्रारंभ होकर गोल चौराहा, गुरूद्वारा रोड, मालगोदाम रोड, होते हुए तलेरा विहार स्थित चिद्पुष्प आराधना भवन पहुॅचा। मार्ग में श्रावक श्राविकाओं ने नयापुरा रोड पर आदिनाथ श्वेताम्बर जैन मंदिर नई आाबादी में श्रेयासनंाथ मंदिर, आराधना भवन मंदिर में विराजित प्रभु की प्रतिमाओं के दर्शन वंदन का लाभ लिया। चल समारोह के प्रांरभ में नयापुरा रोड स्थित अशोक जैन, कन्हैयालाल जैन परिवार के निवास पर श्रीसंघ की अगवानी की गयी लाभार्थी परिवार ने संघ पूजा का लाभ लिया।
अपने कर्म खपाने के लिए किया गया तप श्रेष्ठ
तलेरा विहार स्थित चिद्पुष्प आराधना भवन एवं लाभार्थी परिवार के नयापुरा रोड स्थित निवास के बाहर धर्मसभा का आयोजन हुआ। प्रसन्नचंद्रसागर मसा ने कहा कि गृहस्थ व्यक्ति जब कोई तप तपस्या करते है तो उनका कोई मनोरथ होता है। बहुत कम श्रावक श्राविका होते है जो केवल आत्मकल्याण के उद्देश्य से तप करते है लेकिन साधु साध्वी कोई तप तपस्या करते है तो उनका कोई मनोरथ नहीं होता है। केवल आत्मकल्याण के उद्देश्य से अपने कर्म खपाने के लिए किया गया तप श्रेष्ठ होता है। ऐसा ही तप साध्वीजी ने किया है।
16 सतीयों की महिमा का हुआ गुणानुवाद
चल समारोह में शामिल श्राविकाओं ने जैन धर्म व दर्शन में बताई गई। 16 सतीयों की महिमा का गुणानुवाद करने हेतु उनकी नामवाली तख्तियां उठाई और पूरे चल समारोह में यह तख्तियो से सतीयों की महिमा बताई। चल समारोह व धर्मसभा में जैन पोरवाल श्वेतांबर श्रीसंघ के अध्यक्ष रमेश जैन डालर, चातुर्मास समिति अध्यक्ष कांतिलाल हवेली वाला, सागरमल जैन, महेन्द्र जैन जावदवाला, बाबुलाल चौम्हेला वाला, कांतिलाल कनघट्टी वाला, नवीन कुमार नंदावदावाला, योगेश पटेल पूर्व सभापति, नेमकुमार जैन जावद वाला, प्रमोद जैन, शांतिलाल जैन सुख शांति मेडिकल, समरथ मांगडी, अरविन्द्र उकावत, विरेन्द्र जैन भावगढ वाला, रमेश मच्छीरक्षक, विनोद जैन दलौदा, शांतिलाल हवेलीवाला, पुनमचंद्र भण्डारी, विनोद जैन सहित बडी संख्या में श्रावक श्राविकाओं शामिल हुए।

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