पंज प्यारो संग निकला कारवां, पंजाब की गतका पार्टी ने दिखाएं करतब
मंदसौर•Nov 20, 2018 / 08:23 pm•
harinath dwivedi
पंज प्यारो संग निकला कारवां, पंजाब की गतका पार्टी ने दिखाएं करतब
मंंदसौर । गुरुनानक देवजी जयंती अवसर पर सिख संगत द्वारा मंगलवार को भजन-कीर्तन कर गुरुग्रंथ साहेब की शोभायााा निकाली गई। इसमें सिख समाज की महिलाओं ने शबद कीर्तन किया। शोभायााा के दौरान गुरुग्रंथ साहेब की सवारी के सामने महिला व पुरुष सडक़ को पानी से साफ करते चल रहे थे। शोभायााा अपराह करीब २.३० बजे शहर के नईआबादी स्थित गुरुद्वारा से प्रारंभ हुई। जो शहर के प्रमुख मार्गोसे होकर निकली। यााा का समापन पुन:गुरुद्वारा पहुंचकर हुआ।
कलाकारों ने दिखाए कारनामें
शोभायााा के आगे केशरिया रंग की पोशाक में शस्ा लिए पंज यारे चल रहे थे। इनके पीछे गुरुग्रंथ साहेबजी की सवारी चल रही थी। ाद्धालुओं ने पुष्पवर्षा व आरती उतारकर सवारी का स्वागत किया। पंजाब से आए सिख अखाड़े के करीब १५ कलाकारों ने कलाबाजियां और हैरतअंगेज कारनामे दिखाए। वहीं पंजाब का ही बैंड भी आकर्षा का केंद्र था। कईस्थानों पर चल समारोह का स्वागत किया गया। इसमें विभिन्न सामाजिक व ाार्मिक संगठन शामिल थे। इस अवसर पर बलजीतसिंह नारंग सहित समाज के कईलोग उपस्थित थे।
गुरुनानक जमोसव 23 को
सिख समाज द्वारा 23 नवंबर को गुरुनानकजी जमोसव मनाया जाएगा। शहर के नई आबादी स्थित गुरुद्वारा पर दीवान सजाया गया है। सतीश कपूर ने बताया कि 23 नवंबर की सुबह निशान साहब झुलाए जाएंगे। कीर्तन दरबार सजाया जाएगा। वहीं लंगर का आयोजन भी होगा।
कौन थे पंज यारे
पंज यारे वह पांच वीर व्यक्ति थे, जिनसे गुरु गोविंद सिंह ने बलिदान स्वरूप उनका शीश मांगा था। गुरु गोविद सिंह सिखों के दसवें और अंतिम गुरु थे। उहोंने देवी दुर्गा के एक बहुत बड़े या का आयोजन करवाया। इस या में गुरुजी ने ऊंच-नीच और जाति-पाति का कोई भेद नहीं रखा। या में विशाल जनसमूह उपस्थित था। गुरु गोविद सिंह ने लोगों को धर्म की रक्षा और देश की आजादी के लिए प्रेराा प्रदान की। गुरुजी ने जनभावना को परखने के लिए समस्त जनसमूह के समक्ष शीश की मांग की और जिन पांच वीरों ने गुरु गोविद सिंह के लिए अपने शीश भेंट किए, वे ‘पंज यारे’ नाम से विख्यात हुए।
Home / Mandsaur / पंज प्यारो संग निकला कारवां, पंजाब की गतका पार्टी ने दिखाएं करतब