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बागियों पर नहीं जताया मतदाताओं ने विश्वास

locationमंदसौरPublished: Dec 13, 2018 04:30:36 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

बागियों पर नहीं जताया मतदाताओं ने विश्वास

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बागियों पर नहीं जताया मतदाताओं ने विश्वास

मंदसौर । मतगणना के बाद हर और समीक्षाओं का दौर चल रहा है।कही जीत-हार के अंतर पर तो कही बूथवार मिलें मतों पर समीक्षा की जा रही है। लेकिन इस बार जिले की चारों सीटों पर मुकाबला दोनों मुख्य दलों के बीच ही हुआ।इस बार के विधानसभा चुनाव में बागियों और निर्दलियों के साथ अन्य दलों के प्रत्याशियों पर मतदाताओं ने विश्वास व्यक्त नहीं किया तो पूरे चुनाव के दौरान सामाजिक व जातिगत समीकरण भी नहीं चले और सपोटेज का भी प्रभाव चारों सीटों पर नहीं हुआ।इधर, मुख्य दलों के अलावा अन्य सभी प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।
ना समाज का कार्डचला और न सपोटेज
जिले की चारों सीटों पर चुनाव से पहले समाज को लेकर जातीगत समीकरणों पर खूब चर्चाएं हुईऔर इसी को आधार मानकर जीत-हार के समीकरण बनाए जा रहे थे। जातीगत वोटों के कारण ही गरोठ व सुवासरा में कांग्रेस के बागियों ने मैदान पर मोर्चा संभाला था लेकिन वहां सौंधिया राजपूत समाज से लेकर पोरवाल समाज व राजपूत समाज, पाटीदार समाज से लेकर अन्य सामाजिक समीकरण दोनों सीटों पर इतने प्रभावी नहीं रहे। मंदसौर में अल्पसंख्यक मतदाताओं में गहरी पैठ के आधार पर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के अनुमान लगाए जा रहे थे, लेकिन यहां भी समाज का कार्डनहीं चला। सामाजिक कार्ड के अलावा सपोटेज भी काम नहीं आया।मंदसौर सहित गरोठ, सुवासरा व मल्हारगढ़ सीट पर भी इस बार खूब सपोटेज हुआ, लेकिन सपोटेज से किसी की जीत-हार प्रभावित नहीं हुई।इधर जिले की दो सीटों पर सपाक्स प्रत्याशी मैदान में थे।उन्हें भी अधिक मत नहीं मिलें।
यहां बागियों ने संभाला था मैदान
जिले की गरोठ-सुवासरा सीट पर बागी मैदान में थे। गरोठ सीट पर कांग्रेस के तुफानसिंह सिसौदिया व भाजपा के अमरलाल मीणा बागी होकर मैदान में उतरे थे, वहीं सुवासरा सीट पर कांग्रेस के ओमसिंह भाटी बागी होकर चुनाव लड़े थे।बागियों की मौजूदगी में चुनाव परिणामों को कशमकश भरा करते हुए रोचक जरुर बनाया लेकिन जनता ने इन बागियों पर भरोसा नहीं जताया। इन दोनों सीटों में से एक पर भाजपा तो एक पर कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा है।यहां तक की बागी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। और मुकाबला मुख्य दलों के बीच ही हुआ।कांग्रेस ने एक मात्र सीट सुवासरा वह भी मामूली अंतर से जीत कर संसदीय क्षेत्र व जिले में अपनी उपस्थिति बताई।
गरोठ-सुवासरा में परिणामों पर भारी रहा नोटा
जिले के मतदाताओं ने नोटा का बटन भी खूब दबाया। चार में से दो सीटों पर नोटा ने सीधे तौर पर परिणाम पर असर डाला।सुवासरा विधानसभा में २९७४ मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। और यहां पर जीत का अंतर मात्र ३५० वोटों का रहा। इसी तरह गरोठ में २४७४ मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। और यहां जीत का अंतर २१०८ मतों का रहा। इसके अलावा मंदसौर में १८१५ मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। तो मल्हारगढ में १८४८ मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया।
तीन सीटों पर अंतर हुआ कम, एक पर बढ़ा
वर्ष २०१३ के चुनाव में मंदसौर से यशपालसिंह सिसौदिया २४ हजार २९५, मल्हारगढ़ से जगदीश देवड़ा ६ हजार ५७१, सुवासरा से हरदीपसिंह डंग ७ हजार १२५ और गरोठ से राजेश यादव २५ हजार ७५५ वोटों से जीते थे। इस बार हुए विधानसभा चुनाव में मंदसौर, सुवासरा व गरोठमें जीत का अंतर कम हुआ तो मल्हारगढ़ में यह अंतर बढ़ गया है। मंदसौर में इस बार १७२७०, मल्हारगढ़ में ११८७२, सुवासरा में ३५० और गरोठ में २१०८ मतों का ही जीत का अंतर रहा है। मल्हारगढ़ सीट पर जीत का अंतर इस बार बढ़ा हैतो सुवासरा, गरोठ व मंदसौर सीट पर जीत का अंतर कम हुआ है।
चार में से एक ही सीट पर मिला नया विधायक
जिले की चार सीटों में से मात्र गरोठ सीट पर ही नया विधायक मिला है। इसके अलावा तीनों सीटों पर विधायक वहीं है जो पिछली बार थे।मल्हारगढ़ में जगदीश देवड़ा व मंदसौर में यशपालसिंह सिसौदिया लगातार तीसरी बार जीते तो सुवासरा सीट पर हरदीपसिंह डंग लगातार दूसरी बार जीते है। गरोठ में देवीलाल धाकड़ पहली बार विधायक बने है।
३९ में से ३१ की हुईजमानत जप्त
इस बार जिले की इन चार सीटों पर कुल ३९ प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन इनमें से ३१ की जमानत जप्त हो गई। निर्दलीय समेत अन्य दलों से चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशी भी जमानत बचाने के लिए जरुरी मतों के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए।प्रमुख दल भाजपा-कांग्रेस के अलावा अन्य दलों के प्रत्याशियों की जमानत चारों सीटों पर नहीं बची।मंदसौर सीट पर बहुजन समाज पार्टी के ईश्वर मकवाना को 116 0, सपाक्स के सुनील बंसल को 2543, अनिल सोनी को 6 34, अब्दुल हबीब को 726 , सुरेश पंडित को 6 98 , चैन सिंह को 957 मत ही मिलें। मल्हारगढ में बहुजन समाज पार्टी की केसरबाईसोनार्थी को 1379, शिवसेना के मोहननाथ राठौर को 36 7, आप के तुलसीराम मेघवाल को 36 8 , बहुजन संघर्षदल के जितेंद्र मेघवाल को 128 3, निर्दलीय पीरुलाल भाटी को 397, लालचंद मेघवाल को 1121, सुखलाल मालवीय पालडी को 108 3 मत मिलें। सुवासरा में आप के विनोद मीणा को 423, बहुजन समाज पार्टी की श्यामूबाई को 16 8 8 , सपाक्स के सुनील शर्मा को 2230, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के युसूफ शाह को 323, बहुजन संघर्ष दल के बंशीलाल सोलंकी को 1036 , शिवसेना के जितेंद्र सिंह को 36 0, शकील अहमद को 1598 , ओम सिंह भाटी को 10273 मत मिलें। गरोठ में बहुजन समाज पार्टी के जगदीश रांगोंठा को 16 96 , बहुजन संघर्ष दल के रामकरण रलोतिया को 16 73, शिवसेना के राजेश विश्वकर्मा को 1302, सईद एहमद को 1497, अमरलाल मीणा को 1427, तूफानसिंह सिसोदिया को 18 148 , जगदीश को 718 , फूलचंद को 791, बंशीलाल ग्वाला को 1330, अहसास हुसैन को 307 मत मिलें और इन सभी की जमानत जप्त हो गई।

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