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रुस्टिंग और नेस्टिंग तरीके से होगी गिद्धो की गिनती

locationमंदसौरPublished: Dec 20, 2018 06:09:40 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

रुस्टिंग और नेस्टिंग तरीके से होगी गिद्धो की गिनती

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रुस्टिंग और नेस्टिंग तरीके से होगी गिद्धो की गिनती

मंदसौर । पूरे प्रदेश में एक साथ एक समय पर होने वाली गिद्धो की गणना के लिए कार्रवाई जारी है। इस गणना के लिए वन अमले ने तैयारियां प्रारंभ कर दी है।रुस्टिंग व नेस्टिंग को आधार बनाकर गिद्धो की गणना की जाना है। इसमें नेस्टिंग के आधार पर ११३ घोसलो और रुस्टिंग के आधार पर ६५ स्थानों को चिन्हित किया गया है। कुल १७८ स्थानों पर गिनती की जाना है। इस संबंध में जिले के वन विभाग के अमले को उज्जैन में प्रशिक्षण दिया गया। इसमें अधिकारियों व कर्मचारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश भी दिए गए।
उड़ते हुए गिद्ध नहीं होंगे गणना में शामिल
गांधीसागर अभ्यारण्य क्षेत्र के 36 8 .6 2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में गिद्धों की दो दिवसीय गणना का कार्य ११ व १२ जनवरी को होगा। सीसीएफ उज्जैन और डीएफओ मंदसौर के निर्देशानुसार वनविभाग की टीम द्वारा समितियों की सहायता से गणना सुबह 6 से १० बजे तक की जाएगी। इसमें प्रथम दिननेस्टिंग के आधार पर गणना होगी। जिसमें घोंसले, वयस्क गिद्ध, चूजे और अंडे सहित बीट, पंख, पंजों के निशान देखे जाएंगे। वहीं दूसरे दिन चट्टानों सहित विभिन्न जगहों पर बने गिद्धों के घोंसलों में हाइडेफिनेशन कैमरे से कैप्चर किया जाएगा। साथ ही दूरबीन का उपयोग कर गिद्धों व चूजों को चिन्हित जाएगा। हालांकि प्रशिक्षण में अधिकारियों व कर्मचारियों को बताया गया है कि उड़ते हुए गिद्धो की गणना नहीं की जाना है, सिर्फघोसले या चट्टानो में बैठे हुए गिद्धो की ही गिनती करना है। क्योंकि उड़ता हुआ गिद्ध काफी दूरी तक बीट के हर व्यक्ति को दिखाईदे सकता है। इसीलिए उड़ते हुए गिद्धो को गणना से दूर रखा गया है।
भोजन के बाद नहीं उड़ते हैगिद्ध, इसलिए सुबह होगी गणना
रूस्टिंग में उन जगहों को चिन्हित किया गया हैजहां गिद्धों को भोजन मिलने की संभावनाएं अधिक होती है। साथ ही मरे हुए जानवरों की स्मेल से स्पॉट पर पहुंचकर गणना की जाएगी, क्योंकि गिद्ध भोजन के बाद नहीं उड़ते है और शाम को जिन गिद्धों ने भोजन किया है। वे सुबह 9 बजे तक तेज धूप निकलने के बाद ही अपना स्थान छोड़ते है। ऐसे में जहां भी इनके मिलने की संभावनाएं है, वहां पहुंचकर रूस्टिंग के आधार पर गणना की जाएगी।
नाव, बॉयनाकूलर और हाई-डेफिनेशन कैमरों की लेंगे मदद
गणना में करीब ५० कर्मचारियो की टीम लगेगी। इसमें गांधीसागर झील में नाव, बॉयनाकूलर और हाईडेफिनेशन कैमरो की मदद ली जाएगी। इसमें एनजीओ, ऑब्जरर्वर, उज्जैन वृत्त के अधिकारी व मंदसौर के अधिकारी- कर्मचारी शामिल रहेंगे। करीब २५ से अधिक बीटो में बंटकर अभ्यारण्य के अलावा गांधीसागर झील के पास वाले स्थानों पर गणना की जाएगी। इसमें डायली उत्तर, डायली दक्षिण, डायली मध्य, नेत्रावाला, कालापानी, रावलीकुडी, कुंती, बुज, करणपुरा उत्तर, करणपुरा दक्षिण, रावलीकुडी दक्षिण, रावलीकुडी पूर्व, चंबल-8 , चंबल- 3, भडक़ा, धावत, नरसीझर, हरीगढ़, दांतला, केथूली, महादेव जगह अब तक चिन्हित किए गए है।
गिद्ध देता हैकेवल एक अंडा, लेकिन मिले थे दो
सामान्य तौर पर देखा जाता है कि इजिप्शियन प्रजाति का गिद्ध सिर्फ एक ही अंडा देता है। लेकिन पिछले साल गांधीसागर अभ्यारण्य के महादेव- 98 5 कंपाउंड में इजिप्शियन गिद्ध के घोंसले से दो अंडे की तस्वीर खींची गईथी। एक्सपर्ट के अनुसार पिछले साल भी हमें दो अंडे इस प्रजाति के गिद्ध के मिले थे। जिस पर प्रदेश के एक्सपर्टों से बात करने पर सामने आया था कि कभी- कभी ऐसा हो सकता है। हालांकि दो अंडे देना इस प्रजाति के गिद्ध की प्रकृति में नहीं आता है, लेकिन असंभव कुछ नहीं है।
इनका कहना…
गिद्धो की गणना रुस्टिंग व नेस्टिंग आधार पर करने के निर्देश प्राप्त हुए है। इसके लिए हमने अब तक कुल १७८ स्थान चिन्हित किए है। हालांकि इस संबंध में ओर कार्रवाईजारी है। अधिकारी व कर्मचारियों का प्रशिक्षण उज्जैन में संपन्न हो गया है, इसमें गिद्ध की पहचान व उसकी उम्र का पता कैसे लगाना है, की जानकारी दी गई।साथ ही वल्र्चस ऑफ मध्यप्रदेश एप का उपयोग कैसे करना है, साथ ही प्रारुप कैसे भरना है यह भी बताया गया।
– मयंक चांदीवाल, डीएफओ, मंदसौर

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