मंदसौरPublished: Jan 04, 2019 05:58:46 pm
harinath dwivedi
कलेक्टर के प्रकरण निपटाने के निर्देश पर निपटे तो नहीं उल्टे बढ़ गएv
कलेक्टर के प्रकरण निपटाने के निर्देश पर निपटे तो नहीं उल्टे बढ़ गए
मंदसौर । तहसील कार्यालयों में नामातंरण और बंटवारे के प्रकरण डेढ़ हजार से अधिक लंबित है। इनमें कई ऐेसे प्रकरण है जिनको एक साल से पांच साल तक हो गए है। लेकिन अभी उन पर कोई सुनवाई तहसील कार्यालयों में नहीं हुई। ऐसे में तत्कालीन कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने 20 दिसबंर को टीएल बैठक में संबंधित अधिकारियों को दो साल से अधिक समय वाले लंबित प्रकरणों को ३१ दिसबंर तक निपटाने के लिए निर्देश दिए थे। गुरुवार को इन लंबित प्रकरणों पर नजर डाली तो आश्चर्यचकित कर देने वाले आंकड़े सामने आए। नामातंरण और बंटवारे के प्रकरण घटने के बजाए और बढ़ गए है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तहसील कार्यालयों में कितनी गंभीरता से आलाअधिकारियों के निर्देशों का पालन किया जाता है।
लंबी अवधि वाले नामातंरण और बंटवारे के प्रकरण बढ़े
20 दिसबंर की स्थिति में जिले के तहसील कार्यालयों में दो साल से लेकर पांच साल के अवधि के नामातंरण प्रकरण करीब १६ और बंटवारे के प्रकरण ९ लंबित थे। इन प्रकरणों को ३१ दिसबंर तक निपटाना था। लेकिन वर्तमान स्थिति में दो साल से लेकर पंाच साल तक के नामातंरण के प्रकरण १६ से बढक़र १९ हो गए। और बंटवारे के प्रकरण ९ से बढक़र १३ हो गए।
९३५ थे अब हो गए बढक़र १००० लंबित
कलेक्टोरेट कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार २० दिसबंर तक नामातंरण के कुल लंबित प्रकरण ९३५ थे। जो तीन जनवरी तक बढक़र १००० हो गए है। इसी प्रकार बंटवारे के लंबित प्रकरण ६२९ थे। जो बढक़र ६३९ हो गए है। वर्तमान में तीन से लंबित नामातंरण के प्रकरण ४०५ और बंटवारे के १०३ प्रकरण लंबित है। इसी प्रकार तीन से छह माह के बीच के नामातंरण के १७२ प्रकरण तो बंटवारे के १६२ प्रकरण, छह माह से एक साल तक के नामातंरण के २३८ तो बंटवारे के २३५ प्रकरण, एक साल से दो वर्ष तक के नामातंरण के १६६ और बंटवारे के १२६ प्रकरण लंबित है।
लंबे अवधि इन तहसील कार्यालयों में पेंडिंग
नामातंरण मेंं दो साल से अधिक लंबित वाले प्रकरणों में सीतामऊ १, धुंधडक़ा २, तहसील कार्यालय मंदसौर ६, शामगढ़ और दलौदा तहसील कार्यालय में ४=४ और दो प्रकरण मल्हारगढ़ तहसील कार्यालय में लंबित है। इसी तहर बंटवारे के सात प्रकरण दलौदा तहसील, तीन सुवासरा, एक मल्हारगढ़, एक धुधंडक़ा में लंबित है।
इनका कहना…..
दो साल से अधिक समय वाले नामातंरण और बंटवारे के प्रकरणों को शीघ्र निराकरण के लिए निर्देश दिए है। चुनाव होने के कारण निराकरण नहीं हो सका।
अनिल डामोर, एडीएम