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…तो जेले खाली पड़ी रह जाएं

locationमंदसौरPublished: Jan 08, 2019 07:31:51 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

…तो जेले खाली पड़ी रह जाएं

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…तो जेले खाली पड़ी रह जाएं

मंदसौर । परमात्मा से प्रेम की लगन हो लेकिन मुसीबत में फंसे व्यक्ति से लगन लगे उसकी मदद करें तो परमात्मा खुद चले आते है। भगवान शिव का दूसरा नाम सदगुरू है गुरू जब शिष्य से नजर मिलाता है तो उसके सारे पाप, संताप वह खींच लेता है। यह बात संत कमलकिशोर नागर ने कहीं। वे शहर के पशुपतिनाथ मंदिर के समीप चंद्रपुरा क्षेत्र स्थित मैदान पर आयोजित श्रीमद्भावगत कथा में बोल रहेथे। कथा में उन्होंने लाज, शरम, अहंकार और कुसंस्कारो पर जमकर प्रहार करते हुए इनसे दूर रहने के अनेको अनमोल सूत्र बताएं जिन्हे अंगीकार कर भाग्यवान बन सकते है ओर भगवान को पा सकते है।
भगवान साक्षात ब्रहमस्वरूप अष्टमुखी रूप में विराजमान
भगवान शिव के अष्ट नामो के अलावा शहस्त्रों नाम है मंदसौर में पशुपतिनाथ अष्टमुखी है यह साक्षात परमब्रहम का दर्शन स्वरूप है धन्य धरा है मंदसौर की कि यहां भगवान पशुपतिनाथ अपने अष्टस्वरूपों में दर्शन देते हुए विराजमान है। संत ने कहा कि हमारे संस्कार शून्य हो गए है, हमे बदलना होगा हमे हमारी संस्कृति, शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करना होगा हमें अपने आप को बदलना होगा। मेरा भारत देश जहां देवता भी जन्म लेने को तरसते है, वहां जन्म लिया और जन्म जीया, यह सार्थक करना होगा।
टीवी, मोबाईल और इंटरनेट से बिगड़ सकते है सुधर क्यों नहीं सकते
पं. नागर ने कहा कि आज की पीढ़ी मोबाईल, टीवी, इंटरनेट और अन्य मनोरंजन के साधनो को देखकर बिगड रही है तो मेरा कहना है कि इन सब चीजो से सुधर भी तो सकते हो। बिगडना स्वयं के हाथ में है तो सुधरना भी तो स्वंय के हाथो में होगा। मातृशक्तियों के सिर से साडी नीचे आने लगी, घंूघट प्रथा खत्म होने लगी पूछो तो कहती है कोई नी ढांके तो मै कां ढंाकू अब तो जमाना गया यहां मै कहूंगा कि कोई कैसे रहता है, क्या करता है तो क्या हम भी वहीं करेंगे जिस रहन सहन से बडे-बुजुर्गो को आपसे कहना पड़े कि थोडी शरम रखो तो धिक्कार है ऐसे रहन सहन और जीवन पर जमाना जाएं भाड में। आप तो स्वंय को लाज शरम में रखों अपने संस्कारो की गरीमा को बचाएं रखों।
सास को मां समझे ऐसी बहू बनना होगा तो घर स्वर्ग बन जाएगा
संत नागर ने कहा कि हर घर में सास की यह कहानी है कि उसकी बहू उससे ज्यादा सयानी आ गयी। यहां गलती सास की नहीं क्योंकि मां तो अपने ईश्वर से भी यहीं मांगती है कि उसके बेटे का लगन जल्दी हो जाएं चांद सी बहूं आएं और घर परिवार और मेरी सेवा करें इस घर को संभाले लेकिन हो उल्टा रहा हैं वहीं सांस सबसे बुरी हैं और शादी के कुछ सालों बाद या तो घर टूट जाता है या बेटा मां बाप से अलग हो जाता है। एक बहू कैसे सोच सकती है कि उसकी सास खराब है अरे बडे लाड लड़ाकर खुश होकर तुझे वो इस घर में लायी तो वो भला तेरी दुश्मन कैसे हो गई। आज के परिवेश में बहू को अपना महत्व और अपनी जिम्मेदारी समझना होगी। छोटे छोटे झगडो और बातो को प्रसाद समझकर ग्रहण करना होगा सिर्फ एक बार सांस को मां कहकर बोलना होगा तो घर परिवार स्वर्ग हो जाएगा।
कान में घुला जहर तख्तो ताज पलट देता है
नागर ने कहा कि मुंह से खाया जहर तो स्वंय को ही मारता है लेकिन कान में गया हुआ जहर पूरा परिवार तबाह कर देता है, बड़े-बड़े राजवंश कान में घूले जहर से धूल में मिल गए है तो हमारी क्या बिसात है। इसीलिए माता-बहने कान में जहर ना घोले ये जहर किसी मेडिकल पर नहीं मिलता इसे देने वाले तो आपके अपने, आस-पडोसी ही है इसीलिए जीवन में कभी इसका शिकार मत हो जाना वरना जीते जी जीवन को नरक बना बैठोगे। हंसता खेलता परिवार बिखेर लोंगे और अंत में केवल पछतावा होगा।
भगवान के घर से कोई खाली नहीं लौटता
पं. नागर ने कहा कि क्यो किसी से मांगते हो किसके आगे हाथ फैलाते हो कोई कुछ नही दे सकता मांगना हो तो उस परमात्मा से मांगो जो कभी खाली नहीं लौटाता है झोली भर देता है। परमात्मा के दर पर मांगने का कोई समय भी नहीं है दिन में जाओ, आधी रात में जाओ या किसी भी पहर चले जाओ उसका दरबार सर्वदा खुला है जो राजा को भी देता है और रंक को भी देता है। उस परम परमात्मा का सदैव स्मरण करो सदैव उसी से मांगो और किसी से नहीं।
…तो जेले खाली पड़ी रह जाएं
नागर ने कहा कि हम आप कभी छोटे बडे मन मुटाव, झगड़े में एक दूसरे की गलती मानकर माफी मांग ले तो कोई थाने तक नहीं जाता। देश की हजारो जेले खाली पड़ी रहती कोई खून खराबा नहीं होता, कोईभिडंत नहीं होती, कोई मारधाड नहीं होती। आज हम अपने पडोसी से बेर पाले बैठे है, गांव में रहते है तो खेत किनारे पडोसी से बेर पाले बैठे है घर में रहते है तो अपने ही अपने दुश्मन मानकर बैठे है यह सब परिस्थितियां क्यो निर्मित हो गई, हम अपने आप को समझने क्या लगे है, हम अहंकारी हो गए है, हम बड़े हो गए है क्या हम किसी को क्षमा कर देंगे या कोई हमे क्षमा कर देंगा तो कुछ मान घट जाएगा। अभी भी समय है कुछ तो सुधार करो गलती हुई या करी अपने किए पर क्षमा मांग लो तो आधे झगडे फसाद तो वहीं के वहीं खत्म किसी थाने, कोर्ट कचहरी, जेल जाने की स्थिति तो बनेगी ही नहीं।

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