मंदसौरPublished: Feb 04, 2019 07:03:49 pm
Jagdish Vasuniya
किसानों को दी उत्तक व नए तरीको से खेती की जानकारी
किसानों को दी उत्तक व नए तरीको से खेती की जानकारी
मंदसौर । शहर के उद्यानिकी महाविद्यालय परिसर में चल रहे तीन दिवसीय किसान मेले का सोमवार को समापन हुआ।इस मेले में तीन दिनों तक विशेषज्ञों ने किसानों को उत्तक खेती के बारें में जानकारी दी।कृषि विज्ञान, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग आत्मा के संयुक्त तत्वाधान में संचालित तीन दिवसीय जिला स्तरीय मेले का समापन हुआ। इसमें अतिथि राकेश सिंह रघुवंशी, जिला कृषि योजना समिति अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, तथा प्रगतिशील किसान बद्रीलाल धाकड़ के साथ ही महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ. एच.पाटीदार थे।
कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख डॉ एसपी त्रिपाठी ने सोयाबीन, टमाटर, आंवला आदि फसलों के कटाई के बाद मुल्य सवंर्धन की जानकारी दी। साथ ही कृषक महिला समूह तैयार कर उत्पाद की बिक्री कर महिला सशक्तीकरण की बात कही। डॉ जीएस चुंडावत ने मधुमक्खी पालन में प्रजातियों के साथ उनकी विशेषताएं, पालने के तोर तरीके, शहद का संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन के बारें में बताया। कृषकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया।साथ ही चना, ईसबगोल, जीरा, अफीम इत्यादि फसलों में कीटव्याधि प्रबंधन के बारें में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। डॉ.राजेश गुप्ता ने कृषि कार्यो में काम आने वाले उन्नत यंत्र जैसे- हैप्पी सिडर, लेजर लेंड लेवलर, पावर टिलर, थ्रेसर इत्यादि के बारे में जानकारी दी। डॉ. आरसी आसवानी ने उद्यानिकी फसलों के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में अतिथि द्वारा जिलास्तरीय, विकासखंडस्तरीय एवं समुह स्तर पर आत्मा योजना में चयनित किसानों को उनके उन्नत कृषि तकनीकी अपनाने पर प्रशत्ति पत्र एवं पुरूस्कार देकर सम्मानित किया। इस मेले में कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग-आत्मा, कृषि विज्ञान केंद्र, उद्यानिकी एवं प्रसंस्करण विभाग, उद्यानिकी महाविद्यालय, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास, कृषि अभियांत्रिकी विभाग, पशुपालन विभाग, इफको एवं अशासकीय संस्थाओं द्वारा कृषि यंत्र एवं कृषि रसायन की किसान उपयोगी प्रदर्शनी लगाई गई। समापन अवसर पर उद्यानिकी महाविद्यालय के डॉ.एसएन मिश्रा तथा डॉ.आरएस चुंडावत एवं उद्यानिकी विभाग के सह संचालक उद्यान मनीष चौहान उपस्थित थे। मंच का संचालन वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी वीके श्रीवास्तव ने किया। आभार सहायक संचालक आत्मा आरएल मेड़ा ने माना।