मंदसौरPublished: Apr 09, 2019 08:06:56 pm
Jagdish Vasuniya
धरना देने जा रहे कांग्रेस विधायक को प्रशासन ने रोका, निराकरण के बाद विधायक माने
धरना देने जा रहे कांग्रेस विधायक को प्रशासन ने रोका, निराकरण के बाद विधायक माने
मंदसौर । किसानों की मांगों को लेकर मंदसौर धरना देने आ रहे सुवासरा विधायक हरदीप ङ्क्षसह डंग को प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सीतामऊ तहसील कार्यालय के सामने मंगलवार सुबह ११ बजे रोक लिया गया। यहां पर अधिकारियों ने आचार संहिता का हवाला दिया और रोका। एसडीएम अर्र्पित वर्मा ने उनकी मांगों के निराकरण करने को लेकर काफी देर तक समझाया। और मंदसौर नहीं जाने के लिए भी कहा। लेकिन विधायक डंग काफी देर तक नहीं माने। इस बीच बहस भी हुई। यहां पर विधायक डंग ने अधिकारियों से कहा कि मुझे क्यों रोका गया है। इसके बाद एसडीएम वर्मा ने विधायक डंग से उनकी समस्याओं के समाधान वहीं करने की बात कही। उसके बाद विधायक डंग माने और एसडीएम कार्यालय पहुंचे। यहां पर उनकी पांच में से चार मांगों का निराकरण तत्काल किया गया। वहीं नारकोटिक्स की शिकायत पर एसडीएम ने जांच करवाने का आश्वासन दिया।उसके बाद विधायक डंग सीतामऊ से सुवासरा लौटे।
इन मांगों को लेकर किया निराकरण
विधायक डंग द्वारा पांच प्रमुख समस्याओं को लेकर कलेक्टर का पत्र लिखा गया था। और उन्ही समस्याओं को लेकर धरना देने जा रहे थे। जिसमें अब अधिकारियों ने उनको आश्वास्त किया कि बिना मैसेज के खरीदी केन्द्र पर जारी गेहूं उपार्जन की खरीदी की जा सकेगी। पंजीकृत किसान निसंकोच हो कर खरीदी केन्द्रों पर गेहूं का विक्रय करें, उनका किसी भी प्रकार का ऋण नहीं काटा जाएगा। ओलावृष्टि मुआवजा राशि का वितरण चार दिन के भीतर किया जाएगा। खरीदी केन्द्रों पर गांव की दूरी का ध्यान रख सुविधा की जाएगी। अफीम फसल नष्ट करने के लिए रूपए की जांच कर भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाईकरने का आश्वासन दिया गया। अधिकारियों के इन आश्वासनों के बाद विधायक डंग संतुष्ट हुए। तथा आश्वासन के बाद विधायक डंग द्वारा कलेक्टोरेट भवन का धरना निरस्त कर दिया गया।
विधायक का कहना
विधायक हरदीप ङ्क्षसह डंग ने कहा कि पांच किसानों की समस्याओं को लेकर मंदसौर धरना देने जा रहा था। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सीतामऊ में रोका गया। यहां पर उन्होंने सभी मांगों का निराकरण कर दिया।
एसडीएम का कहना
एसडीएम अर्पित वर्मा ने कहा कि ओलावृष्टि का मुआवजा के बिल लगा दिए गए।जल्द ही किसानों के खातों में रूपए डाल दिए जाएंगे।जिन केंद्रों की अधिक दूरी थी। ऐसे गांवों को अन्य केंद्रों से मेपिंग कर दी गईहै।नारकोटिक्स वाले मामले में जांच करवाईजाएगी। गेंहू खरीदी में उनके ऋण संबंधित कोई पैसा नहीं कटेगा। और गेंहू खरीदी ें किसानों के नजदीकी सेंटर पर ही होगी।