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बेजुबान मुक्त प्राणियों को यातना देना परमात्मा का कत्ल करने के समान

locationमंदसौरPublished: May 07, 2019 08:13:32 pm

Submitted by:

Jagdish Vasuniya

बेजुबान मुक्त प्राणियों को यातना देना परमात्मा का कत्ल करने के समान

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बेजुबान मुक्त प्राणियों को यातना देना परमात्मा का कत्ल करने के समान

मंदसौर । खुलेआम प्रशासन की नाक के नीचे रोड पर पशुओं को कत्ल करके पशु क्रूरता एक्ट कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है। जंगलराज छाया है। यह बात मंगलवार को राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश ने जीवागंज जैन दिवाकर स्थानक भवन में अक्षय तृतीया की पारना महोत्सव में कही।
उन्होंने कहा कि सरकार या तो पशु क्रूरता एक्ट कानून का सख्ती से पालन करवाएं अथवा उसे बर्खास्त कर दे। भीषण गर्मी में पशुओं के ऊपर अत्याचार करके कहर ढाया जा रहा है। राष्ट्रसंत ने कहा कि एक पशु के सामने दूसरे पशु का कत्ल करना घोर अपराध है। ठूंस-ठूंस कर ट्रकों में भरा जाता है। उस समय वह दम भी तोड़ देते हैं, उसकी तरफ देखने की किसी को फुर्सत नहीं है। मुनि कमलेश ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अहिंसा का सैनिक बनना होगा। अपराधी बेखौफ होकर सडक़ों पर खून बहाकर स्वच्छता अभियान का भी जनाजा निकाल रहे हैं। कम जगह में ज्यादा पशु को बांधना, भूखा प्यासा रखकर काम करवाना कानून का उल्लंघन है। बेजुबान मुक्त प्राणियों को यातना देना परमात्मा का कत्ल करने के समान है। पूरे जिले में एक्सीडेंटल पशुओं को लाने के लिए अखिल भारतीय जैन दिवाकर विचार मंच ने जिले में ऐसे पशुओं के लिए एंबुलेंस प्रारंभ करने का संकल्प लिया। दानदाताओं के द्वारा करीब डेढ़ लाख की राशि एकत्रित हुई। राष्ट्रसंत के तीसरे वर्षीतप पालने के उपलक्ष में पवन मारू का पालना करवाया। संघ अध्यक्ष अनिल संचेती, पंकज मुरडिया, अजीत खटोड़, संजय पोरवाल ने तपस्या का अभिनंदन किया। घनश्याम मुनि ने मंगलाचरण किया। महासती शुभाषाजी ने राष्ट्रसंत के विश्व व्यापी कार्यक्रमों की प्रशंसा करते कहा कि मुनि कमलेश जैसे 20 से 25 कर्मठ संत हो जाए तो कायाकल्प हो सकता है।

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