दूसरे दिन शनिवार को ट्रांसपोर्टरो ने फोरलेन पर पिपलियामंडी टोल पर पहुंचकर आने-जाने वाले ट्रको को रोका और नारेबाजी की। वाहनों को रोकने के दौरान मामला बढ़ता देख सूचना पर पुलिस भी पहुंची। इस तरह अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर ट्रंकों को रोकने का काम जारी रहा। शनिवार को करीब १ हजार ट्रकों के पहिए थमे रहे। ट्रांसपोर्ट नगर में ५०० ट्रक खड़े रहे तो कई ट्रांसपोर्टरों के तहत १ हजार से ज्यादा ट्रक खड़े हुए है। इससे माल की आवाजाही पूरी तरह ठप्प हो गई है।
इन मांगों को लेकर चल रही हड़ताल
डीजल के दाम कम हो, टोल बैरियर पूरी तरह मुक्त हो, तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम में पारदर्शिता हो, ट्रांसपोर्टपर टीडीएस समाप्त हो, बसों और पर्यटक वाहनों के लिए नेशनल परमिट मिलें। डायरेक्ट पोर्ट डिलेवरी योजना समाप्त हो। पोर्ट कंजेक्शन खत्म हो। इन्हीं मांगों को लेकर ट्रांसपोर्टएसोसिएशन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए है।
मंडी में सबसे अधिक पड़ा असर
हड़ताल के कारण थमे ट्रको के कारण सबसे ज्यादा असर कृषि उपज मंडियों पर पड़ा है। मंडी में किसानों का माल खरीदने के बाद व्यापारियों को माल बाहर भेजना पड़ता है।स्टोरेज की समस्या के कारण माल हर हाल में उठाना होता है। प्रतिदिन मंडी से ४० हजार बोरी माल की आवक होकर उसे साफ कर बाहर भेजा जाता है। अब ट्रक नहीं मिलने के कारण सोमवार से मंडी में आने वाली समस्त जिसों की नीलामी बंद कर दी जाएगी। शनिवार को प्याज की नीलामी बंद थी, लेकिन जो माल अंदर आ गया। व्यापारियों ने किसानों की सुविधा को देखते हुए वह ले लिया था। लहसनूु-प्याज में खराब होने के चलते इसे उसी दिन रात को रवाना करना पड़ता है। ट्रांसपोर्टरो की हड़ताल के कारण सोमवार से मंडी में नीलाम ठप्प हो जाएगा।