मंदसौरPublished: Jul 23, 2018 08:20:34 pm
harinath dwivedi
हड़ताल के चौथे दिन, थमी मंडी तो हर और छाई विरानी
ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल से गायब हुई मंडी की रौनक
मंदसौर । ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने राष्ट्रव्यापी आह्वान के साथ मंदसौर ट्रांसपोर्ट व्यवसायी भी हड़ताल पर है। चौथे दिन भी हड़ताल जारी रही। ट्रांसपोर्टरो ने अपनी मांगों को लेकर तहसीलदार बीएस श्रीवास्तव को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। हड़ताल के चलते कृषि उपज मंडी में सोमवार को उपज की नीलामी नहीं हुई।इसके कारण मंडी से लेकर मंडी के आसपास के व्यापार-व्यवसाय में विरानी छा गई। ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल ने मंडी से लेकर बाजार की रौनक को प्रभावित किया है। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर में हमेशा हाईवे पर चलने वाले ट्रक कई दिनों से खड़े है। इधर ट्रको के चक्के थमने के साथ हाईवे भी सुनसान हो गया है।
ज्ञापन में यह रखी मांग
मंदसौर टांसपोर्टएसोसिएशन द्वारा सौंपे गए ज्ञापन मेंं बताया कि परिवहन देश की अर्थव्यवस्था से लेकर तमाम पहलूओं को प्रभावित करता है। परिहवन देश की जीवन रेखा है, लेकिन वर्तमान में यह नीतियों के कारण प्रभावित हो रहा है। इसी के चलते २० जुलाई से ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर हड़ताल है। इसमें डीजल के दाम कम हो, टोल बैरियर पूरी तरह मुक्त हो, तृतीय पक्ष बीमा प्रीमियम में पारदर्शिता हो, ट्रांसपोर्ट पर टीडीएस समाप्त हो, बसों और पर्यटक वाहनों के लिए नेशनल परमिट मिलें। डायरेक्ट पोर्ट डिलेवरी योजना समाप्त हो। पोर्ट कंजेक्शन खत्म करने के साथ ही बसों के माल परिवहन पर अंकुश लगाया जाए जिससे की ट्रंासपोर्टर से ही माल का परिहवन हो। इनके साथ अन्य मुद्दों का जल्द समाधान करने की मांग की है।
ट्रकों के साथ थमी मंडी
चार दिनों से जारी हड़ताल के दौरान १ हजार से भी अधिक ट्रक थम चुके है और ट्रांसपोर्टर हाईवे पर नजर रखते हुए ट्रकों को रोकने का काम भी कर रहे है। ऐसे में खड़े ट्रकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। और थमें हुए ट्रकों के साथ व्यापारी का फ्लो भी थम गया है और शहर से बाहर जाने वाला तथा शहर में आने वाली माल की आवक भी रुक गई है। ट्रांसपोर्टर तो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है लेकिन ट्रकों से रोजगार कर परिवार चला रहे कईलोग परेशान हो रहे है। इतना ही नहीं हड़ताल के कारण मंडी का कामकाज भी पूरी तरह ठप हो गया है। माल बाहर नहीं जाने के कारण अब व्यापारियों ने नीलामी कर किसानों की उपज खरीदना ही बंद कर दिया है। ऐसे में मंडी ठप्प हो गई और मंडी का काम पूरी तरह ठप्प होने के कारण पूरी तरह मंडी विरान हो गई। मंडी के साथ इसके आसपास क्षेत्रमें भी विरानी छा गई है। मंडी का सीधा असर शहर के बाजार पर भी पड़ रहा हैऔर बारिश के दौर में किसान भी परेशान हो रहे है। चार दिनों की हड़ताल के बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रांसपोर्टरों की कब तक हड़ताल रहेगी और जनजीवन तथा मंडी से लेकर अन्य कामकाज कब पटरी पर लौटेगा। ट्रांसपोर्टरों तो इसी बात पर अड़े हैकि जब तक मांगे नहीं मान ली जाती तब तक हड़ताल पर डटे रहेंगे।