बारिश ने जिले की फसल कर दी चौपट, अब फसल बीमा कंपनी से आस
मंदसौरPublished: Aug 22, 2019 09:48:44 pm
बारिश ने जिले की फसल कर दी चौपट, अब फसल बीमा कंपनी से आस
बारिश ने जिले की फसल कर दी चौपट, अब फसल बीमा कंपनी से आस
मंदसौर.
जिले में बारिश ने फसल चौपट कर दी है। कई खेतों में खड़ी फसल गल गई है। इसका सर्वे करने के लिए कलेक्टर ने जिले में रिलायंस कंपनी को पटवारी के साथ मिलकर सर्वे करने के निर्देश दिए। वहीं रिलायंस कंपनी के जारी टोल फ्री नंबर पर किसानों को रिस्पांस नहीं मिलने के बाद ऑफ लाईन आवेदन सोसायटियों में जमा कर कंसीडर करने की व्यवस्था भी की है। इसके बाद भी कृषि विभाग ने कलेक्टर से कृषि विभाग के प्रमुख सचिव को जिले में फसलों की स्थिति से अवगत कराते हुए फसल बीमा कंपनी रिलायंस के अधिकारियों को निर्देश देते हुए किसानों को इसका लाभ देने के निर्देश देने की मांग की है। रिलायंस कंपनी इस बार जिले में फसल बीमा का काम कर रही है और बड़े पैमाने पर किसानों की फसल बारिश में खराब हुई है। हालांकि अब तक विभाग को बारिश से फसलों में कितना प्रतिशत नुकसान हुआ है और जिले में कितने हैक्टेयर की फसल खराब हुई। इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन विभाग ने विभाग के पीएस को पत्र लिखवाकर कंपनी के माध्यम से किसानों को लाभ दिलाने की मांग की है। विभाग के उपसंचालक एएस राठौर ने बताया कि पीएस को पत्र लिखा गया है। इसमें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए किसानों को कंपनी से लाभ दिलवाने की मांग की है और टोल फ्री नंबर पर रिस्पांस नहीं मिलने की बात भी कही है। जिससे पीएस कंपनी के प्रदेश स्तर के अधिकारियों को निर्देश देकर जिले के किसानों की फसल नुकसानी के इस दौर में मदद करवा सकें।
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आधी फसल गल गई, अब मुआवजे की आस में किसान
लिंबावास.
गांव लिंबावास सहित आसपास के गांवों में बारिश से तालाब बन गए खेतों में ५० प्रतिशत फसल गल गई है। अब किसानों को मुआवजे के लिए सरकार से आस है। फसल बीमार कंपनी से भी किसान नुकसानी की भरपाई की आस लगाए बैठे है। बाढ़ के हालातों के बीच खेतों में फसलें खराब हो गई। इससे किसान वर्ग चितिंत है। अतिवृष्टि के हालातों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कुछ दिनों बाद फिर से बारिश शुरु हो गई। ऐसे में किसानों को उम्मीद थी की मौसम खुला तो राहत मिलेंगी और फसलों को लाभ होगा, ेलेकिन फिर से बारिश होने पर चिंता बढ़ गई है। जगदीश, मदनलाल ने बताया कि सोयाबीन की फसलों में 50 से 60 प्रतिशत नुकसान हुआ है। कलेक्टर के आदेश देने के बाद भी अभी तक खेतो में सर्वे करने के लिए ना ही पटवारी आया है। और न कोई अधिकारी किसानों के खेतों पर पहुंचा और कोई सर्वे करने भी नहीं आया।
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