मंदसौर. शहर में वाहन चलाने वाले ने शराब पी रखी या नहीं। इसकी जानकारी पिछले डेढ़ माह से पुलिस विभाग को नहीं है। जबकि रात में पुलिस द्वारा जगह-जगह शहर में चैकिंग पाइंट लगाए गए जाते है। इस ओर पुलिस अधिकारियों ने ध्यान भी नहीं दिया है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि यातायात विभाग के पास चार ब्रिथ एनालाइजर मशीन है। जिसमें से दो मशीनें बंद पड़ी हुई है। उनको रिपेयर करने के लिए दिया गया है। वहीं दो मशीनें है। लेकिन वह पुरानी तारीख बताती है। लेकिन उनका उपयोग पुलिस द्वारा किया जाता है। ऐसे मेंं कार्रवाई नहीं हो पा रही है। मार्च से लेकर जुलाई तक केवल १९ प्रकरण यातायात पुलिस द्वारा शहर में मार्च से लेकर जुलाई तक केवल १९ कार्रवाईयां की गई है। यह कार्रवाईयां भी मार्च से लेकर अप्रैल तक में की गई है। उसके बाद मई से लेकर जुलाई तक एक भी कार्रवाई यातायात विभाग द्वारा नहीं की गई है। विभाग ने तीन ब्रिथ एनालाइजर मशीनें का आर्डर दिया है। उनके आने के बाद विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी। ३० एमएल से ऊपर तो होती कार्रवाई यातायात विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ब्रिथ एनालाइजर मशीन को वाहन चालक के मुंह पर लगाया जाता है। उससे फूंक दिलवाई जाती है। इसमें यदि ३० एमएल से अधिक बताता है। तो संबंधित वाहन चालक के खिलाफ पंचनामा बनाया जाता है। यह कार्रवाई १८५ एक्ट के तहत की जाती है। जिसमें वाहन चालक का वाहन जप्त किया जाता है। और दूसरे दिन न्यायालय में इस्तगासा पेश किया जाता है। इनका कहना…. चार ब्रिथ एनालाइजर मशीन है। जिसमें से दो ब्रिथ एनालाइजर मशीन सही करवाने के लिए दी गई है। दो मशीनें है। उसमें पुरानी तारीख कार्रवाई की समय बताती है। मार्च-अप्रैल में १९ प्रकरण बनाए गए थे। तीन नई मशीनों के आर्डर दिए गए है। जो जल्द ही आने वाली है। डेढ़ माह में अभी एक भी प्रकरण नहीं बनाया है। धनजंय शर्मा, यातायात प्रभारी।