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निजी विद्यालय के संचालकों ने बैठक में किया बायोमेट्रिक मशीन का विरोध

locationमंदसौरPublished: Dec 27, 2017 08:42:35 pm

Submitted by:

harinath dwivedi

-बैठक में किया संचालकों ने विरोध कहा अगले सत्र से शुरु करें लागू

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नूतन स्कूल





मंदसौर.
शहर के नूतन स्कूल में बुधवार को शिक्षा के कानून अधिकार के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में निजी विद्यालयों के संचालकों ने बायोमेट्रिक मशीन की प्रक्रिया का विरोध किया। अशासकीय विद्यालय संगठन के जिलाध्यक्ष रूपेश पारिख, विपिन चपरोद, श्याम गंगवानी, नरेंद्र सोलंकी सहित अन्य संचालकों का कहना था कि बायोमेट्रिक मशीन से सत्यापन की प्रक्रिया अगले सत्र से शुरु की जाए। शिक्षा के कानून अधिकार के तहत २०१६-१७ में जिन विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। उनकी राशि जारी की जाए। विरोध के बाद इस प्रक्रिया से संबंधित जानकारी शिक्षा अधिकारियों ने दी। इसके बाद निजी विद्यालयों के संचालकों ने विधायक यशपाल ङ्क्षसह सिसौदिया को भी ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि वर्ष २१०६-१७ के छात्रों का वर्तमान में अध्ययनरत न होना चूंकि फीस प्रतिपूर्ति इस वर्ष का होना है7 कुछ विद्यार्थी वर्तमान में अन्य विद्यालय में अन्य जिलों में भी हो सकते है। ऐसे में उनकी बायोमेट्रिक सत्यापन संभव नहीं है। चूंकि शाला प्रभारी के पोर्टल पर डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य किए है। जो संभव नहीं है। क्योंकि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय के पास संसाधन का अभाव एवं वित्तीय स्थिति सुदढ़ नहीं है। २०१६-१७ की फीस प्रतिपूर्ति होना है। जबकि २०१७-१८ पूर्णता की और है। २०१६-१७ की फीस प्रतिपूर्ति पूर्व नियम के अनुसार ही की जाए।
शहर के नूतन स्कूल में बुधवार को शिक्षा के कानून अधिकार के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक मशीन के द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया को लेकर बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में निजी विद्यालयों के संचालकों ने बायोमेट्रिक मशीन की प्रक्रिया का विरोध किया। अशासकीय विद्यालय संगठन के जिलाध्यक्ष रूपेश पारिख, विपिन चपरोद, श्याम गंगवानी, नरेंद्र सोलंकी सहित अन्य संचालकों का कहना था कि बायोमेट्रिक मशीन से सत्यापन की प्रक्रिया अगले सत्र से शुरु की जाए। शिक्षा के कानून अधिकार के तहत २०१६-१७ में जिन विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। उनकी राशि जारी की जाए। विरोध के बाद इस प्रक्रिया से संबंधित जानकारी शिक्षा अधिकारियों ने दी। इसके बाद निजी विद्यालयों के संचालकों ने विधायक यशपाल ङ्क्षसह सिसौदिया को भी ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि वर्ष २१०६-१७ के छात्रों का वर्तमान में अध्ययनरत न होना चूंकि फीस प्रतिपूर्ति इस वर्ष का होना है7 कुछ विद्यार्थी वर्तमान में अन्य विद्यालय में अन्य जिलों में भी हो सकते है। ऐसे में उनकी बायोमेट्रिक सत्यापन संभव नहीं है। चूंकि शाला प्रभारी के पोर्टल पर डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य किए है। जो संभव नहीं है। क्योंकि अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय के पास संसाधन का अभाव एवं वित्तीय स्थिति सुदढ़ नहीं है। २०१६-१७ की फीस प्रतिपूर्ति होना है। जबकि २०१७-१८ पूर्णता की और है। २०१६-१७ की फीस प्रतिपूर्ति पूर्व नियम के अनुसार ही की जाए।
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