मंदसौर

प्रवर्तक रमेशमुनि का हुआ देवलोकगमन, अंतिम यात्रा में उमड़े भक्त

प्रवर्तक रमेशमुनि का हुआ देवलोकगमन, अंतिम यात्रा में उमड़े भक्त

मंदसौरOct 17, 2019 / 12:23 pm

Nilesh Trivedi

प्रवर्तक रमेशमुनि का हुआ देवलोकगमन, अंतिम यात्रा में उमड़े भक्त

मंदसौर.
भगवान महावीर स्वास्थ्य केंद्र के प्रेरणा स्रोत प्रर्वतक रमेश मुनि मसा के देवलोकगमन के बाद बुधवार को दोपहर में उनकी महाप्रयाण यात्रा निकाली गई। प्रतीक श्रीजी को सोमवार को संथारा दिया गया था। और बुधवार को सुबह 6.45 मिनिट पर उनका देवलोकगमन हुआ। इसके बाद सुबह से ही भक्तो का तांता लग गया। दोपहर 2 बजे अंतिम यात्रा महावीर स्वास्थ्य केंद्र से शुरू हुई।
जो प्रगति चौराहा, चौपाटी स्टेशन रोड होते हुए पुन: स्वास्थ्य केंद्र के समाधि स्थल पर पहुंची। इसके पूर्व मसा के अग्नि प्रवाह, अंतिम शाल ओढऩे, कंधा देने की बोलिया लगाई गई। अग्नि सहकार की बोली मसा का सांस्कारिक परिवार भंवरलाल कमलेश कोठारी ने 18 लाख रुपए की बोली लगाकर लाभ लिया। अंतिम शाल समर्पित करने का लाभ प्रकाशचंद्र दीपक जैन ने लिया।
अंतिम यात्रा में उदयपुर, बड़ी सादड़ी, रतलाम, जावरा, मंदसौर, डूंगला, नीमच, चितौड़, इंदौर, उज्जैन सहित आस-पास के ग्रामों के सतह नगरवासियों ने भाग लिया। अंतिम यात्रा के बाद गौतम प्रसादी का आयोजन हुआ। उपप्रर्वतक विजयमुनि मसा द्वारा मंगलाचरण दिया गया। भक्तो द्वारा मसा को श्रीफल व गोले चढ़ाए गए। इस अवसर पर विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया, पूर्व मंत्री नरेंद्र नाहटा, भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र सुराना, जैन कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बालचंद्र, सरपच विपिन जैन, मंडल अध्यक्ष चंद्रशेखर मडलोइ, सुभाषचंद्र जैन, अनिल संचेती, अभय सुराना, महावीर जैन उपस्थित थे। पूज्य प्रर्वतक श्रीजी को स्थानककारी संघ, शीतलनाथ राजेंद्र जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट, मन्दसौर श्रावक संघ, महिला मंडल, नवरत्न परिवार, राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद, तरुण परिषद सहित आसपास के श्रीसंघो द्वारा मसा को शॉल भेंट कर श्रद्धांजली दी। संचालन ललित जैन द्वारा किया गया।

सीएम की और से सरंपच ने ओढ़ाई शॉल
मुख्यमंत्री कमलनाथ की और से सरपच विपिन जैन व गौशाला अध्यक्ष अनिल डान ने शॉल ओढ़ाई व उनका संदेश भी दिया। उप प्रवर्तक विजयमुनि, चंद्रेश मुनि, नरेंद्र मुनि मसा, सिद्धार्थ मुनि मसा, साध्वी विजयकुंवर मसा उपस्थित थे।

बाड़मेर में हुआ था जन्म, 1931 में ली थी दीक्षा
प्रवर्तक रमेश मुनि महाराज का जन्म राजस्थान के बाड़मेर में हुआ था। 16 दिसंबर 1931 दीक्षा अध्यात्म जगत में प्रवेश किया। सांसारिक नाम रतनचंद कोठारी था। जन्म स्थान ग्राम मजल जिला बाड़मेर राजस्थान में था। गुरुजी से शिक्षा ग्रहण की प्रतापमल महाराज साहब दीक्षा स्थल झरिया बिहार था तो पिता का नाम बस्तीमल और इनकी माता का नाम आशा बाई था। उन्होंने अनेक ग्रंथ काव्य उपन्यास के लिखें। इसलिए इन्हें प्रवर्तक पद नाशिक महाराष्ट्र में मरुधर भूषण जोधपुर साहित्यकार मनिका चित्तौडग़ढ़ में दिया गया।

रमेशमुनि की प्रेरणा से बना था नगर में हॉस्पीटल
दलोदा में महावीर स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। भगवान महावीर के नाम से नगर में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की प्रेरणा संत ने दी थी। इसके बाद समाज के दानदाता आगे आए और यह बनाया। इस १०० बैड के अस्पताल में वर्तमान में हर दिन अनेक लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। ट्रस्ट के द्वारा इसका संचालित होता है। आसपास के ८० गांवों के लोगों को यहां स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती है। शुरु ही से ही विचारक रहे है। संत के देवलोकगमन की खबर जैसे ही आई तो शोक की खबर फैल गई। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में समाजजनों के साथ उनके भक्त पहुंचे और अंतिम दर्शन किए।

जैन संत रमेश मुनिजी ने समाधि के साथ संथारा पूर्ण किया
स्थानकवासी जैन समाज के श्रमण संघ संप्रदाय के प्रतापमल मसा के शिष्य रमेशमुनि महाराज ने संथारा ग्रहण करके समाधि भावों के साथ दलौदा में संथारा पूर्ण किया। प्रौढ़ अनुभवी, लेखक, संपादक, कवि, प्रवचनकार, रचनाकार साहित्य के रमेशमुनि सृजक थे। उन्होंने ५० हजार किमी पैदल यात्रा की थी। संघ एकता एवं भाईचारे में विश्वास रखते थे और इन्होंने अनेक प्रांतों में धर्म प्रचार किया। 70 पुस्तकों का लेखन संपादन भी किया। धर्म सहायिका ने भी दीक्षा ली है।
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