पशुपतिनाथ के अष्टमुख हुए जलमग्न
मंदसौरPublished: Aug 28, 2019 08:53:28 pm
पशुपतिनाथ के अष्टमुख हुए जलमग्न
पशुपतिनाथ के अष्टमुख हुए जलमग्न
मंदसौर.
बारिश का क्रम जिले में मंगलवार को भी जारी रहा। जिले में हो रही रिकॉर्ड बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए। तीसरी बार शिवना भगवान पशुपतिनाथ के गर्भगृह पहुंची और भगवान का जलाअभिषेक किया। वहीं तीन साल बाद गांधीसागर के ५ छोटे गेट खोले गए। जो आज तक खुलेें रहेंगे। पानी की आवक गांधीसागर में १ लाख क्यूसेक से हो रही है। अभी गांधीसागर के बड़े गेट नहीं खुले लेकिन आवक देखते हुए इसकी भी संभावना बताई जा रही है। वहीं नाहरगढ़-बिल्लोद मार्ग पर शिवना उफान पर होने के कारण दूसरे दिन भी आवागमन बंद रहा। वहीं सीतामऊ मार्ग पर छोटी पुलिया पर पानी होने के कारण आवागमन बाधित हुआ। जिले में औसत बारिश ५२ इंच से अधिक हो गई। रात से जारी झमाझम बारिश का दौर मंगलवार को भी जारी रहा।
तीसरी बार शिवना पहुंची पशुपतिनाथ के गर्भगृह, ६ घंटे तक गर्भगृह में रही
बारिश के इस दौर में तीसरी बार शिवना भगवान पशुपतिनाथ के गर्भगृह पहुंची। सुबह ७.३० बजे शिवना गर्भगृह में पहुंची तो दोपहर २ बजे यहां से लौटी। ६ घंटे से अधिक समय तक शिवना भगवान पशुपतिनाथ के दर पर रही और जलाअभिषेक किया। सुबह ७.३० बजे शिवना गर्भगृह में पहुची। कुछ ही समय बाद भगवान के चार मुख डूबे। दोपहर तक पानी और बढ़ा और भगवान के आठ मुंह तक पानी पहुंच गया। यहां ११ बजे भगवान के भोग के साथ शिव व शिवना की एक साथ पूजा-अर्चना करते हुए राजभोग लगाया गया। दोपहर २ बजे शिवना का जलस्तर कम हुआ। गर्भगृह के साथ शिवना पूरे मंदिर परिसर में पहुंची। शिवना ने यहां भगवान का जलाअभिषेक किया। तीसरी बार गर्भगृह पहुंची तो दूसरी बार इसी बारिश में जलाअभिषेक किया। पंडित कैलाश भट्ट ने बताया कि इसके पहले वर्ष २०१६ में शिवना चार बार बारिश के दौर में भगवान के गर्भगृह तक पहुंची थी। तीन साल बाद ऐसा संयोग बना की एक ही बारिश में तीसरी बार गर्भगृह पहुंचकर चरण पखारने से लेकर अभिषेक किया। हालांकि शिवना नदी लगातार १२ घंटे से अधिक समय तक उफान पर रही। इस बार बारिश में चौथी बार शिवना उफान पर आई है। शिवना के ऊफान पर आने के कारण छोटी पुलिया पर कई फीट ऊपर पानी बहा। इसके चलते आवागमन बंद रहा तो मुक्तिधाम के यहां भी छोटी पुलिया पर आवागमन बंद रहा।