मंदसौर में शिवना नदी ऊफान पर है। पशुपतिनाथ मंदिर में भी शिवना का पानी घुस गया है। गर्भ गृह में पानी घुसने से शिवलिंग के चार मुख डूब गया है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग अष्टमुखी है। इसे हिंदुस्तान का पशुपतिनाथ कहा जाता है। क्योंकि नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर चार मुखी शिवलिंग है। इस मंदिर का इतिहास भी काफी दिलचस्प है। मंदिर का शिवलिंग 1500 साल पुराना है।
शिवना की कोख से मिली थी प्रतिमा
बताया जाता है कि पशुपतिनाथ मंदिर में स्थापित प्रतिमा शिवना नदी की कोख से निकली थी। 19 जून 1940 को शिवना नदी से बाहर आने के बाद 21 साल तक यह प्रतिमा नदी के तट पर ही पड़ी रही। इस शिवलिंग को सबसे पहले कालूजी धोबी ने चिमन चिश्ती की दरगाह के सामने नदी में दबी अवस्था में देखा था।
बताया जाता है कि पशुपतिनाथ मंदिर में स्थापित प्रतिमा शिवना नदी की कोख से निकली थी। 19 जून 1940 को शिवना नदी से बाहर आने के बाद 21 साल तक यह प्रतिमा नदी के तट पर ही पड़ी रही। इस शिवलिंग को सबसे पहले कालूजी धोबी ने चिमन चिश्ती की दरगाह के सामने नदी में दबी अवस्था में देखा था।
1961 में हुई प्राण प्रतिष्ठा
बाद में शिवना नदी के तट पर ही 23 नवंबर 1961 को इसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई। 101 फीट ऊंचे मंदिर में इस 100 किलो वजनी प्रतिमा को स्थापित किया गया। वहीं, इस शिवलिंग पर 51 साल तोला सोने की परत चढ़ाई गई है। कहा जाता है कि प्रतिमा का निर्माण विक्रम संवत 575ई. में सम्राट यशोधर्मन की हूणों पर विजय के आसपास का है। कहा जाता है कि मूर्तिभंजकों से रक्षा के लिए इस प्रतिमा को नदी में दबा दिया गया था।
बाद में शिवना नदी के तट पर ही 23 नवंबर 1961 को इसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई। 101 फीट ऊंचे मंदिर में इस 100 किलो वजनी प्रतिमा को स्थापित किया गया। वहीं, इस शिवलिंग पर 51 साल तोला सोने की परत चढ़ाई गई है। कहा जाता है कि प्रतिमा का निर्माण विक्रम संवत 575ई. में सम्राट यशोधर्मन की हूणों पर विजय के आसपास का है। कहा जाता है कि मूर्तिभंजकों से रक्षा के लिए इस प्रतिमा को नदी में दबा दिया गया था।
ये हैं हर मुख की विशेषता
अष्टमुखी के शिवलिंग के हर मुख की अलग-अलग विशेषताएं हैं। साथ ही सबकी अलग पहचान है। शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव है। जारी है बारिश
वहीं, मंदसौर में मंगलवार की रात से शुरू हुई बारिश अभी भी जारी है। इस दौरान जिले के कई गांवों में पानी घुस गया है। बचाव के लिए उन जगहों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। कई लोगों को गांव में रेस्क्यू करके पुलिस प्रशासन एवं ग्रामीणों ने बाहर निकाला है। बारिश के 2 नाम दो लोगों की बहने से मौत हो चुकी है। जिले में अभी बारिश का दौर जारी है जिला मुख्यालय पर भी कई कॉलोनियों में पानी भर गया है।
अष्टमुखी के शिवलिंग के हर मुख की अलग-अलग विशेषताएं हैं। साथ ही सबकी अलग पहचान है। शर्व, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशुपति, ईशान और महादेव है। जारी है बारिश
वहीं, मंदसौर में मंगलवार की रात से शुरू हुई बारिश अभी भी जारी है। इस दौरान जिले के कई गांवों में पानी घुस गया है। बचाव के लिए उन जगहों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। कई लोगों को गांव में रेस्क्यू करके पुलिस प्रशासन एवं ग्रामीणों ने बाहर निकाला है। बारिश के 2 नाम दो लोगों की बहने से मौत हो चुकी है। जिले में अभी बारिश का दौर जारी है जिला मुख्यालय पर भी कई कॉलोनियों में पानी भर गया है।