यहां होती है रावण की पूजा
मंदसौरPublished: Oct 21, 2015 04:23:00 pm
रावण की पत्नी मंदोदरी का गांव है मंदसौर
फोटो- एमएन2201- शहर के खानपुरा क्षेत्र स्थित रावण प्रतिमा।
मंदसौर। देश में भले ही दशहरे के मौके पर बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन किया जाता हो, मगर मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित खानपुरा क्षेत्र में रावण की पूजा होती है। इसका एक विशिष्ट कारण है। ऐसी मान्यता है कि मंदसौर (दशपुर) रावण की पत्नी मंदोदरी का गांव है, इसीलिए यहां के लोग अपने दामाद रावण की पूजा करते हैं। खास तौर पर नामदेव समाज विधि-विधान से रावण की प्रतिमा की पूजा-अर्चना वर्ष भर आरोग्य रहने के लिए प्रतिमा के दाहिने पैर पर लच्छा भी बांधते हैं। नामदेव समाज के अध्यक्ष अशोक बघेरवाल के मुताबिक बरसों से प्रतिमा के प्रति समाजजनों की गहरी आस्था है। यहां तक की आज भी लोग विभिन्न बीमारियों के लिए प्रतिमा के दाहिने पैर पर लच्छा बांधते है। पुरखों के काल से चली आ रही परंपरा अनुसार वे भी विजया दशमी पर्व पर रावण प्रतिमा की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।
आज यह होगा कार्यक्रम
22 अक्टूबर को दशहरा पर्व पर सुबह 9 बजे लक्ष्मीनारायण मंदिर से शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा रावण प्रतिमा स्थल पहुंचेगी। यहां रावण की प्रतिमा की पूजा की जाएगी व उनके पैरों में लच्छा बांधा जाएगा। सायंकाल 7 बजे गोधूली बेला में प्रतीकात्मक रुप से रावण का वध किया जाएगा। रावण वध के दौरान आतिशबाजी भी की जाएगी। समाज अध्यक्ष के अनुसार रावण वध कार्यक्रम के पूर्व शहर के खानपुरा क्षेत्र स्थित बड़े मंदिर चौक से अखाड़ा निकलेगा। इस अखाड़े के साथ राम-लक्ष्मण व हनुमान बने बालक शाम 4 बजे राम-रथ में सवार होकर रावण वध के लिए मंदिर से प्रस्थान करेंगे।