राहुल गांधी को पत्र लिखकर वचन दिलाया याद तो राज्यपाल को पत्र लिख सरकार बर्खास्त करने की मांग की
मंदसौरPublished: Aug 28, 2019 10:18:31 pm
राहुल गांधी को पत्र लिखकर वचन दिलाया याद तो राज्यपाल को पत्र लिख सरकार बर्खास्त करने की मांग की
राहुल गांधी को पत्र लिखकर वचन दिलाया याद तो राज्यपाल को पत्र लिख सरकार बर्खास्त करने की मांग की
मंदसौर.
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले उन्होंने जिले में कर्जमाफी का वादा किसानों से किया था और नहीं करने पर मुख्यमंत्री बदलने की बात कही थी। लेकिन किसानों का कर्जमाफ हुआ नहीं और अब सरकार दो लाख से एक रुपया भी कर्ज अधिक होने पर उसे योजना की पात्रता की श्रेणी में नहीं रख रही है। उन्होंने वचन याद दिलाते हुए कर्जमाफ कराने की मांग की। वहीं राज्यपाल लालजी टंडन को भी पत्र लिखा और बताया कि किसानों को किसी भी सरकार पर भरोसा नहीं है। चुनाव से पहले कांग्रेस ने लुभावने वादें किए थे, लेकिन किसानों से जुड़े बिंदुओं पर काम नहीं किया। किसान आंदोलन व कर्जमाफी पर भी काम नहीं किया। ऐसे में उन्होंने प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। साथ ही यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगा रखी है। इसमें मांग की गई कि सरकारे जो घोषणाएं करती है। उन्हें कानून के दायरें में लाया जाए। जिससे यह अपनी कही बात से मुकर नहीं सकें। कृषि उपज मंडी में चर्चा के दौरान जिलाध्यक्ष महेश व्यास , अशोक पाटीदार सहित अन्य पदाधिकारियों ने यह कहा। इसके बाद मंडी से कलेक्टर कार्यालय तक वाहन रैली के रुप में पहुंचे और उन्होंने ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर रणजीतसिंह को सौंपा। इसमें फसल नुकसानी का आंकलन कर मुआवजा दिए जाने की मांग की। साथ ही यह बताया कि किसानों की मांगों पर समाधान नहीं निकला तो महासंघ फिर से किसानों के हितों के लिए सड़कों पर उतरेंगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के जिलाध्यक्ष महेश व्यास ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि सरकार अपने चुनावी संकल्प पत्र, वचन पत्र से मुकरती नजर आ रही है और किसान को आंदोलन करने के लिए मजबुर कर रही है। जय किसान ऋण मुक्ति योजना को लेकर किसानों के मन में शंका पैदा कर रही है। कर्जमाफी में किसान ठगा महसूस कर रहा है। फसल बीमा में सरकार की नीतियों के कारण किसान परेशान हो रहा है। उन्होंने बीमा कंपनी से बकाया राशि दिलाने के साथ सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने के अलावा अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की। मंडियों में किसानों द्वारा हम्माली, तुलाई इत्यादि कर व्यापारी द्वारा काट लिया जाता है। उसके उपरांत भी हम्मालों द्वारा किसानों से बोरियां पकड़वाई जाती है। किसानों की समस्याओं का समाधान करवाया जाए। यदि 18 उद्योगपतियों का 2 लाख 50 हजार करोड़ माफ कर सकते हो ओर 10 पूंजीपतियों का 5 लाख 76 हजार करोड़ माफ कर सकते हो तो किसानों का कर्ज तो इससे बहुत कम हैं। इसे क्यों नहीं किया जा सकता। इस दौरान कई अन्य किसान व पदाधिकारी मौजूद थे।