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कहने को यहां दलाल का प्रवेश निषेध, बाकी तो दलाल ही करते है काम

locationमंदसौरPublished: Aug 27, 2019 04:21:01 pm

Submitted by:

Nilesh Trivedi

कहने को यहां दलाल का प्रवेश निषेध, बाकी तो दलाल ही करते है काम

कहने को यहां दलाल का प्रवेश निषेध, बाकी तो दलाल ही करते है काम

कहने को यहां दलाल का प्रवेश निषेध, बाकी तो दलाल ही करते है काम

मंदसौर.
कहने को आरटीओ में दलालों का प्रवेश निषेध है। लेकिन सही मायनों में यहां दलालों के बिना कोई काम होता ही नहीं है और हर कक्ष में दलाल बैठे आसानी से देखे जा सकते है। यहां तक की आरटीओ दफ्तर में लगी हर टेबल के इर्द-गिर्द दलाल मंडराते हुए दिखाई देते है। पहले मामला उठा तो दिखाने के लिए यहां दलालों पर प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन दलालों की आरटीओ दफ्तर में आवाजाही पूर्ववत जारी रही। यही कारण है कि कोई भी व्यक्ति अपने काम के लिए दलालों के माध्यम से यहां पहुंचता है तो काम होता है। शनिवार को दलालों से जुड़े एक मामले में विवाद हो गया। काम की हां करने के बाद भी डेढ़ महीना बीतने के बाद काम नहीं हुआ तो संबंधित व्यक्ति ने आरटीओ कार्यालय पहुंचकर कारण पूछा और इसी बात पर दलाल और अपने काम के लिए यहां पहुंचे व्यक्ति में विवाद हो गया और तीखी बहस हो गया। इसके बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने दलाल को बाहर कर दिया। दफ्तर ही नहीं परिसर से बाहर कर दिया। लेकिन आरटीओ स्टॉफ से कोई भी उठकर उस व्यक्ति के पास नहीं पहुंचा कि उसका काम क्या है और किसी ने उसके काम को सीधे करने में रुचि भी नहीं दिखाई। आरटीओ दफ्तर के अंदर दलाल को लेकर विवाद हुआ फिर भी आरटीओ कार्यालय का स्टॉफ इसे परिसर के बाहर होना बताते हुए उनका आपस का मामला बताते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे है।
प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद लगाए थे दलालों के प्रवेश निषेध के पेम्पलेट
करीब ६ माह पहले विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार जिला योजना समिति की बैठक लेने आए प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा की बैठक में आरटीओ कार्यालय में दलालों का मामला उठा तो प्रभारी मंत्री ने दलालों के प्रवेश को बंद करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद आरटीओ ने पूरे परिसर में अनेक जगह आरटीओ के प्रवेश निषेध के पेम्पलेट लगा दिए थे। हालंाकि यह महज औपचारिक साबित हुआ और आरटीओ कार्यालय में दलालों का प्रवेश पूर्ववत जारी है।
यह था पूरा घटनाक्रम
रतलाम-नीमच फोरलेन बायपास पर स्थित आरटीओ कार्यालय में दोपहर के समय कुछ लोग पहुंचे थे। इसमें से चोमेहला निवासी ललित मोदी, रुघु निवास सहित अन्य लोग थे। जो अपने काम के लिए यहां दलाल राकेश पालीवाल से मिलने आए। आरटीओ कार्यालय में जैसे ही इनकी दलाल पालीवाल से मुलाकात हुई और पिछले डेढ़ माह बाद भी काम नहीं होने की बात ने तूल पकड़ लिया और दोनों पक्षों में दफ्तर के अंदर ही विवाद की स्थिति निर्मित हो गई और जमकर हंगामा हुआ। आलम यह हुआ कि आरटीओ कार्यालय के अंदर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने दलाल को हाथ पकड़कर दफ्तर के बाहर तो ठीक परिसर के भी बाहर निकाल दिया। तो परिसर के बाहर भी दोनों पक्षों का विवाद होता रहा। आरटीओ कार्यालय में कार्ड बनवाने के लिए दलाल से इन्होंने ४६०० रुपए में बात की थी, लेकिन डेढ़ माह बाद भी कार्ड नहीं बना और दलाल इन्हें चक्कर दे रहा था। इसी बात के कारण विवाद हुआ।
मेरी जानकारी में नहीं है
मामला मेरी जानकारी में नहीं है। दलालों का प्रवेश निषेध कर रखा है। -ज्ञानेंद्र वैश्य, आरटीओ
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