एसडीओ ने वनविभाग के कर्मचारियों पर लगाया सबइंजीनियर को बंधक बनाने का आरोप
मंदसौरPublished: Jun 03, 2020 10:13:45 pm
एसडीओ ने वनविभाग के कर्मचारियों पर लगाया सबइंजीनियर को बंधक बनाने का आरोप
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मंदसौर
भानपुरा थानाक्षेत्र के बडोदिया तालाब में गाद एवं मिट्टी निकालने के मामले में सिंचाई विभाग और वनविभाग के अधिकारियों के बीच विवाद चल रहा है। और विवाद अब थाने तक पहुंच गया है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने वनविभाग के कुछ अधिकारियों के खिलाफ सबइंजीनियर का बंधक बनाने सहित अन्य आरोपों को लेकर शिकायत दर्ज करवाई है। तो वही वनविभाग के अधिकारी इस बात से इंकार कर रहे है। दरअसल, बडोदिया तालाब के नाले पर दोनोंं विभाग अपना अधिकार जमा रहे है। जिसके चलते यह विवाद हो रहा है।
3 जून की शाम को तहसील भानपुरा के बड़ोदिया तालाब की वेस्ट वियर में जमी हुई गाद मिट्टी को सिंचाई विभाग के सब इंजीनियर एसएन मेवाड़ा की देखरेख में एक ट्रैक्टर ट्राली एवं जेसीबी मशीन से निकलवाई जा रही थी। जिसे बड़ोदिया गांव के श्यामलाल एवं जसवंत सिंह द्वारा निकलवाया जा रहा था कि भानपुरा वन रेंजर शंकरलाल भूरिया अपने चार पांच वन विभाग के सहयोगियों के साथ पहुंचे। उन्हें काम रोकने की कहा। साथ ही ट्रैक्टर ट्राली अपने कब्जे में ली गई एवं जेसीबी को भी भानपुरा वन विभाग कार्यालय में लाने का आदेश दिया। एवं ट्रेक्टर ड्राइवर श्यामलाल सुतार का मोबाइल गाली गलौज कर मारा पीट करते हुए छीन लिया गया। ऐसी रिपोर्ट जसवंत सिंह एवं श्यामलाल द्वारा पुलिस थाना भानपुरा में लिखाई गई।
बंधक बनाने का आरोप
इस मामले में सिंचाई विभाग के एसडीओ एमएस चौहान ने पुलिस थाना भानपुरा में
शिकायत में लिखा कि वेस्ट वेयर की भूमि से मिट्टी वर्षा पूर्व निकाली जा रही थी। नाले का पानी वर्षा काल में रुक जाता है। जिससे वेस्ट वेयर टूटने का डर होता है। एवं तालाब की पाल फूटने की संभावना होती है। बडो़दिया तालाब सिंचाई विभाग द्वारा सन् 2007-०8 में बनाया गया था । हमारे विभाग के सब इंजीनियर एसएन मेवाड़े उपरोक्त कार्य को करवाने के लिए वहां जुटे थे। उनके साथ भी गाली गलौज कर उन्हें कंवला रोड स्थित नाक के चबूतरे के ऑफिस में ले जाकर बंधक बनाया गया एवं गाली गलौज की गई। सूचना पर में मौके पर पहुंचा एवं उन्हें छुड़ाया गया अत: इसकी रिपोर्ट पुलिस थाना भानपुरा में करता हूं। उपरोक्त अधिकारी व वन कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए ।
इस मामले में वन विभाग के एसडीओ आरएस रावत एवं वन अधिकारी भानपुरा शंकरलाल भूरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उपरोक्त तालाब के नीचे की वेस्ट वेयर की भूमि वन विभाग की है। हमने ही तालाब बनाने की तब इजाजत दी थी । यदि वहां कुछ नाले में सफाई आदि का काम करना था तो हमको लिखित में सूचना देकर इजाजत ली जाना जरूरी थी। हमने मौके पर जाकर काम रुकवाया मोबाइल जब्ती में लिया। क्योंकि हम जब ट्रेक्टर ड्राइवर श्यामलाल सुतार से बात कर रहे थे तो वह मोबाइल पर बात करने में व्यस्त रहा। वह हमारी बात नहीं सुन रहा था। रही बात मारपीट की तो हमने नहीं की है। इस तरह बडो़दिया तालाब की वेस्ट वियर से वर्षा पूर्व निकाली जाने वाली जमी हुई गाद मिट्टी दोनों विभागों के झगड़े में पूरी तरह नहीं निकाली गई है। यदि तालाब से पानी निकालने की व्यवस्था सही नहीं रही तो तालाब के फूटने का संदेशा बना हुआ है।